“Gaudhuli” word is made up of Gau+Dhool where “Gau” means India’s Indegenious breeds of cow (Gaumata) and “Dhool” means dust. Due to its importance to people of India, all indigenous cow breeds are widely called Gaumata where Mata means Mother). So the word “Gaudhuli” means the auspicious time in the evening when Gau herds would return to their respective homes during sunset after grazing in the jungle the whole day. The dust thus produced by them is referred to as Gaudhuli and the time is called “Gaudhuli Vela”.
By establishing Gaudhuli Parivaar we are trying to at least bring back Gomata to our homes at least indirectly if not directly. That would be possible not only by Panchgavya products but by respecting and treating Gomata as our own mother. Who only knows to give and demands almost nothing in return?
गोधूली परिवार द्वारा आरम्भ किये गए प्रयास में हमारा ऑनलाइन स्टोर जो गोधूलि वाहको की नियुक्ति से पहले हमे धरातल पर पर्याप्त मात्रा से भी अधिक महत्वपूर्ण शुद्धता एवं गुणवत्ता का निर्धारण करने का प्रयास कर रहा है।
शुरुआती रूझान तो यह है की शुद्धता की मांग सबके पास है और लोग उसके लिए किसानो और गोपालको के प्रोत्साहन हेतु थोड़ा अधिक धन खर्च करने को भी तैयार है ।
अतः अगले चरण में विभिन्न ज़िलों के गोधूलि वाहको को उनके ज़िले के 200 घरो की ज़िम्मेदारी देने के लिए पर्याप्त परन्तु शुद्ध सामान की उपलब्धता एक कठिन परन्तु संभव चुनौती है।
हमारे द्वारा विभिन्न राज्यों के कुछ वाहको का हमसे पिछले एक वर्ष में हुए विभिन्न कार्यक्रमों में संपर्क हुआ है। उनमे से कुछ साथियो को हमने व्यवहार में बहुत सकारात्मक पाया है। उनमे से कुछ को उनकी क्षमतानुसार विभिन्न ज़िम्मेदारियों का भार दे भी दिया गया है।
इस कार्य में हम धीमे अवश्य है परन्तु सुदृढ़ है एवं यही हमारी शक्ति है ।
जिस प्रकार से गोधूलि परिवार के सदस्यों की सूची में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है वह उत्साहवर्धक है जिसके परिणाम शुद्ध उत्पादों के निर्माताओं के लिए शुभ एवं लाभकारी ही होंगे।
हमारा प्रण है की:
यदि कोई उत्पाद हमारे स्वयं के घर में प्रयोग करने योग्य नहीं होगा
तो आपको भी नहीं मिलेगा
अर्थात हमने इसे 100 % विषमुक्त स्टोर बनाये रखने का प्रण किया है यदि किसी उत्पाद में एक बूँद भी कोई हानिकारक रसायन पड़ेगा तो या तो उत्पाद बंद होगा या हम उसे नहीं उपलब्ध करवाएंगे
यह हमारी प्रतिज्ञा है ।
यदि कोई खाद्य पदार्थ किसी विशेष ऋतू में ही उपलब्ध होता है तो उसे तभी निर्मित एवं उपलब्ध करवाने का प्रयास रहेगा यही कारण है हो सकता है की कई उत्पाद स्टॉक में न रहे परन्तु जब होगा तो सही समय एवं गुणवत्ता का होगा।
निकट भविष्य में आर्थिक सुदृढ़ता निश्चित होते ही इस व्यवस्था का बड़ा हिस्सा गाय एवं उस पर आश्रित गोपालको के उद्धार पर खर्च करने की योजना है
अंत में केवल ही बात ध्यान रखें की यह प्रयास पूर्ण स्वदेशी एवं पूर्ण रूप से शुभ लाभ पर आधारित रहेगा।
Gaudhuli.com