Papa Restart Na Hue: Papa Restart Na Hue: The Struggle of A Retired Professor by Aalok Puranik

· Prabhat Prakashan
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ज़िंदगी जीने की तकनीक भले ही सबको समझ न आई हो; पर तकनीक बहुत गहराई से जिंदगी में घुस गई है। मोबाइल फोन जीवनसाथी से भी बड़ा जीवनसाथी हो गया है—24×7 का साथ है। नई पीढ़ी को फ्रेंडशिप के नाम पर फेसबुक याद आने लगता है। बहुत चीजें बदली हैं; पर बहुत चीजें नहीं भी बदली हैं। यह असंभव है कि जिसके फेसबुक पर पाँच हजार फ्रेंड हों; मौके-जरूरत पर उसे चार फ्रेंड का साथ भी उपलब्ध न हो। नई पीढ़ी नए फेसबुक के संदर्भ में नई फ्रेंडशिप के आशय को बखूबी समझने की कोशिश कर रही है। यह व्यंग्य-संग्रह बदलती तकनीक के संदर्भ में बुनियादी मानवीय रिश्तों को जानने-समझने की कोशिश करता है। बाजार; तकनीक के बदलावों ने इनसान को किस तरह से बदला है और कहाँ से न बदल पाया है; इसका लेखा-जोखा इस संग्रह में है। बदलते समाजशास्त्र-अर्थशास्त्र को पकड़ने की कोशिश आलोक पुराणिक ने इस व्यंग्य-संग्रह में की है। वे इस काम को बेहतर तरीके से इसलिए कर पाते हैं कि वे एक तरफ कॉमर्स के एसोसिएट प्रोफेसर हैं; तो दूसरी तरफ समाज; तकनीक के महीन बदलावों पर पैनी नजर रखनेवाले व्यंग्यकार। बदलती तकनीक; बदलते बाजार के आईने में बदलते समाज को समझने के लिए यह व्यंग्य-संग्रह पढ़ना जरूरी है। व्यंग्य-संग्रह पूरा पढ़ने के बाद सिर्फ हँसी ही आपके साथ नहीं होगी; बल्कि अपने वक्त के बारे में ज्यादा समझदारी भी आप पैदा कर चुकेंगे।

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Yogi Doll
July 20, 2021
💝👫😍
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About the author

Aalok Puranik

जन्म : 30 सितंबर, 1966, आगरा।

शिक्षा : एम.कॉम., पी-एच.डी.।

रचना-संसार : ‘नेकी कर अखबार में डाल’, ‘लव पर डिस्काउंट’, ‘बालम तू काहे ना हुआ एनआरआई’, ‘नेता बनाम आलू’, ‘व्हाइट हाउस में रामलीला’, ‘मर्सीडीज घोड़े बनाम 800 सीसी घोड़े’ (व्यंग्य-संग्रह); नवभारत टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक ट्रिब्यून, आई नेक्स्ट समेत कई अखबारों में नियमित व्यंग्य-कॉलम लेखन; करीब दो हजार व्यंग्य-लेख प्रकाशित। सब टीवी, सहारा न्यूज, जी न्यूज पर व्यंग्य-पाठ।

पुरस्कार-सम्मान : ‘आर्थिक पत्रकारिता’ पुस्तक पर ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार’, हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘हास्य-व्यंग्य सम्मान’, ‘काका हाथरसी पुरस्कार’, ‘व्यंग्यकार के.पी. सक्सेना सम्मान’।

संप्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के कॉमर्स विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर।

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