1970 के दशक से लेखिका ध्यान का अभ्यास कर रही है। 1994 में उनका ब्रह्मा कुमारी के ज्ञान से परिचय हुआ, और तभी से वह एक बीके (वह जो ब्रह्मा कुमारियों के ज्ञान का उपयोग करते है) बन गयी। एक बीके बनने के बाद, लेखिका लगातार ईश्वर की ऊर्जा का इस्तेमाल ताज़ा महसूस करने के लिए, खुद का उपचार करने के लिए, शुद्ध होने तथा स्वर्ण युग में जाने के लिए कर रही हैं। इस पुस्तक के माध्यम से, लेखिका अपने द्वारा अर्जित किये हुए ज्ञान और अनुभवों से लोगो का मार्गदर्शन कर रही है, कि किस तरह खुद को और दूसरों को तरोताज़ा, शुद्ध, एवं रोग-मुक्त रखा जाए।
1996 से, लेखिका इन विषयों पर लेख और पुस्तकें लिख रही हैं:
•होलोग्राफिक यूनिवर्स।
•लेखिका के विभिन्न आध्यात्मिक अनुभव।
•वह ब्रह्मांडीय उर्जा जो विश्व के साथ साथ स्वर्ण-युग को भी प्रदान करती हैं।
•विभिन्न प्राचीन ग्रंथ एवं मिथक।
•ब्रह