ममता कालिया
( 02 नवम्बर,1940 )
एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं। वे कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में हस्तक्षेप रखती हैं। हिन्दी कहानी के परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है। लगभग आधी सदी के काल खण्ड में उन्होंने 200 से अधिक कहानियों की रचना की है। वर्तमान में वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "हिन्दी" की संपादक हैं।
प्रारंभिक जीवन
ममता का जन्म 02 नवम्बर 1940 को वृन्दावन में हुआ। उनकी शिक्षा दिल्ली, मुंबई, पुणे, नागपुर और इन्दौर शहरों में हुई। उनके पिता स्व विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में आकाशवाणी में कार्यरत रहे। वे हिंदी और अंग्रेजी साहित्य के विद्वान थे।
प्रमुख कृतियाँ
दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ ममता कालिया की कहानियाँ नाम से प्रकाशित। उनके शुरुआती पाँच कहानी-संग्रहों की कहानियाँ एक साथ प्रथम खंड में तथा दूसरे खण्ड में उनके चार कहानी संग्रहों को शामिल किया गया है।
कहानी संग्रह: छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की।
उपन्यास : बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम् - सुक्खम्
कविता संग्रह : खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी
नाटक संग्रह : यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
संस्मरण: कितने शहरों में कितनी बार
अनुवाद : मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम)
सम्मान और पुरस्कार
अभिनव भारती सम्मान , साहित्य भूषण सम्मान, यशपाल स्मृति सम्मान, महादेवी स्मृति पुरस्कार, कमलेश्वर स्मृति सम्मान, सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान, अमृत सम्मान, लमही सम्मान (2009), जनवाणी सम्मान (2008),
सीता पुरस्कार (2012)