ये साई सत्चरित्र का पठठ करते आप साई बाबा को साथ पाने को सा अनुभव करेंगे.
Sai Satcharitra irakurri dute, Sai Baba eramateko esperientzia izango duzu.
साई सत्चरित्र कैसे पढ़े?
साईं की पूजा-पाठ के नियमों की तरह ही साईं सत्चरित्र के रख-रखाव और पालन नियम भी हैं. साईं भक्तों को यह नियम जरूर जान लेनेहेहियम
संभव हो तो तसे साईं की तस्वीर या प्रतिमा के पास ही किसी आसन पर रखनें. साईं सत्चरित्र सीधे जमीन पर नहीं रखीधे जमीन
श्री साईं सत्चरित्र को हमेशा पवित्र मन और शरीर के साथ छूना और पढ़ना चूना और पढ़ना चाहिए.
श्री साईं सत्चरित्र का पाठ रात को सोने से पहले जरूर करना चाहिए और मनाईं के वचनों को पालन करने को पालन करने को निश्चय करते हुए,
साईं का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने वाले को साईं का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है.
गुरुवार को इस पस को जरूर पढ़ें और प्रतिदिन कम प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इसे पढ़ना चाहिए.
साईं की पूजा बहुत सामान्य और सरल होोह्य साईं की पूजा में बहुत विशेष नियम भी नीीहाहहुत विशेष
श्री साईं सत्चरित्र पढ़ते समय संभव हो तो इसे पूजा कक्ष या साईं की तस्वीर के समक्ष पढ़ें.
यदि यह संभव न हो तो मन में पहले साईं की छवि को दिल में उतार लें फिर श्री साईं सत्चरित्र पाठ शुरू करें.
श्री साईं सत्चरित्र को बांटना (शेअर करना) पुण्यकर्म माना गया है. साईं भक्त को यह कार्य करते रहना चाहॿिना
ऐसा जा जाता है कीाईं बाबा का जन्म पथरी गांव में ब्राह्मण में ब्राह्मण में ब्राह्मे के बचपन में ही उन्हें एक फकीर्हें एक फकीर्हें एक फकीर अपने साथ ले गए थे. जब फ़क़ीर अपने घर पहुँचा तो फ़क़ीर ली पत्नी ने खिलाया और बिलाया और बाद में उन्हें हेंदू के देखभाली के लिए छोड़ दिया थोड़ दिया था. साईं बाबा एक शिष्य के रूप में वेंकक शिष्य के रूप में वेंकुेंकुरसााह2.
Azken eguneratzea
2023(e)ko urr. 29(a)