भगवान अपने सेवक से कहते हैं:
हे दास, जो मेरा है, वही तेरा है
अपने को अपना मत बनाओ, मैं उसका रचयिता हूँ
और तुम अपने शरीर के स्वामी नहीं हो, क्योंकि मैं ने उसका ठिकाना बना लिया है
तुम मेरे पास हो और मेरे वचन के द्वारा मैं जगत में आया हूं
हे दास, कहो कि परमेश्वर के सिवा कोई परमेश्वर नहीं है, फिर सीधे खड़े हो जाओ, मेरे सिवा कोई परमेश्वर नहीं है, और मेरा कोई अधिकार नहीं, और मेरे सिवा सब कुछ मेरे हाथों के काम से और मेरी आत्मा की कुड़कुड़ाहट से है
ऐ ग़ुलाम, सब कुछ मेरा है, तो जो मेरा है उसमें मुझ से विवाद न करना
मैं अपने हाथों से जो कुछ भी पैदा करता हूं उसे वापस करता हूं और अपनी उदारता से उसमें वृद्धि करता हूं .. सब कुछ मुझे सौंप देता हूं।
मैं जानता हूं कि मेरा विश्वासयोग्य सेवक वह है जिसने मुझे छोड़कर मुझे फिर से स्थापित किया है
हे दास, मैंने तुझे सब कुछ के लिए बनाया है, तो मैं तुझे किसी चीज़ के लिए कैसे खुश कर सकता हूँ?
मैंने तो केवल तुम्हें तुम्हारे प्रति ईर्ष्या में आसक्त होने से मना किया था
ऐ ग़ुलाम, मैं तुझे किसी चीज़ के लिए राज़ी नहीं करता, भले ही वह जन्नत ही क्यों न हो, भले ही आप उसे क़बूल कर लें
मैंने तुम्हें अपने साथ रहने के लिए बनाया है.. जब जहां नहीं है और जहां नहीं है
मैंने तुम्हें अपनी छवि, एक, व्यक्ति, सुनने, देखने, बोलने में बनाया है
तुम मेरी दृष्टि हो, तुम्हारे और मेरे बीच कोई भंडार नहीं है
तुम मेरी दाई हो, तुम्हारे और मेरे बीच कोई सीमा नहीं है
हे दास, मेरे और तेरे बीच में कोई नहीं है
खुद से ज्यादा मेरे करीब होना
मैं तुम्हारे उच्चारण से ज्यादा तुम्हारे करीब हूं
तो मुझे देखो, मुझे तुम्हारी ओर देखना अच्छा लगता है
लेखक: डॉ मुस्तफा महमूद
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
8 फ़र॰ 2023