राज्य की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में गौठान स्थापित किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा गौठान की गतिविधियों में विस्तारण करते हुये गोठान में गोबर क्रय करते हुए संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने हेतु गोधन न्याय योजना का प्रारंभ छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व 'हरेली' (वर्ष दिनांक 20 जुलाई, 2020) से किया जा रहा है। योजना क्रियान्वयन से जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन स्तर पर रोजगार के नये अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन स्र-सर आगामी वर्षाें में नवीन गोठानों की स्थापना के साथ-साथ योजना का विस्तार भी आवश्यकतानुसार किया जाएगा।
गोधन न्याय योजना के मुख्य उद्देश्य है:
1. पशुपालकों की आय में वृद्धि।
2. पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक।
3. जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी लाना।
4. खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा एवं द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार।
5. स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता।
6. स्थानीय स्व सहायता समूहो को रोजगार के अवसर।
7. भूमि की उर्वरता में सुधार।
8. विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं सुपोषण।
Ultimo aggiornamento
7 nov 2023