प्रत्येक मनुष्य के जीवन में इन तीन बातों की अत्यधिक आवश्यकता होती है - स्वस्थ जीवन، सुखी जीवन तथा सम्मानित जीवन. सुख का आधार स्वास्थ्य है तथा सुखी जीवन ही सम्मान के योग्य है.
उत्तम स्वास्थ्य का आधार है यथा योग्य आहार-विहार एवं विवेकपूर्वक व्यवस्थित जीवन. बाह्य चकाचौंध की ओर अधिक आकर्षित होकर हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं इसलिए हमारा शरीर रोगों का घर बनता जा रहा है.
"चरक संहिता" में कहा गया हैः
आहाराचारचेष्टासु सुखार्थी प्रेत्य चेह च.
परं प्रयत्नमातिष्ठेद् बुद्धिमान हित सेवने ..
"इस संसार में सुखी जीवन की इच्छा रखने वाले बुद्धिमान व्यक्ति आहार-विहार، आचार और चेष्टाएँ हितकारक रखने का प्रयत्न करें".
उचित आहार، निद्रा और ब्रह्मचर्य - ये तीनों वात، पित्त और कफ को समान रखते हुए शरीर को स्वस्थ व निरोग बनाये रखते हैं، इसीलिए इन तीनों को उपस्तम्भ माना गया है. अतः आरोग्य के लिए इन तीनों का पालन अनिवार्य है.
यह एक सुखद बात है कि आज समग्र विश्व में भारतीय के आयुर्वेद के प्रति श्रद्धा، निष्ठा व जिज्ञासा बढ़ रही है क्योंकि श्रेष्ठ जीवन-पद्धति का जो ज्ञान आयुर्वेद ने इस विश्व को दिया है، वह अद्वितीय है. अन्य चिकित्सा पद्धतियाँ केवल रोग तक ही सीमित हैं लेकिन आयुर्वेद ने जीवन के सभी पहलुओं को छुआ है. धर्म، आत्मा، मन، शरीर، कर्म इत्यादि सभी विषय आयुर्वेद के क्षेत्रान्तर्गत आते हैं.
आयुर्वेद में निर्दिष्ट सिद्धान्तों का पालन कर के हम रोगों से बच सकते हैं، फिर भी यदि रोगग्रस्त हो जावें तो यथासंभव एलोपैथिक दवाइयों का प्रयोग न करें क्योंकि ये रोग को दूर करके "साइड इफेक्ट" के रूप में अन्य रोगों का कारण बनती हैं.
MyBapuji الروبوت التطبيق में आयुर्वेद के विभिन्न अनुभूत नुस्खों का संकलन कर ऐसी जानकारी देने का प्रयास किया है जिससे आप घर बैठे ही विभिन्न रोगों का प्राथमिक उपचार कर सकें. आशा है आप इसका भरपूर लाभ लेंगे.
تاريخ التحديث
05/04/2023