Bhagwat gita

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এই এপ্‌টোৰ বিষয়ে

भगवत गीता एक धार्मिक ग्रंथ है जिसे प्राचीन भारत में पहली या दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के किसी अज्ञात लेखक ने लिखा है। इसका शीर्षक "ईश्वर का गीत" के रूप में अनुवाद होता है, और इस पाठ में 700 श्लोक हैं, जो हिन्दू धर्म के प्रकृति का पता लगाते हैं। गीता महाभारत का हिस्सा है, जो भारत के दो प्राचीन महाकाव्यों में से एक है, लेकिन इसे कई बार स्वतंत्र कृति के रूप में माना और पढ़ा जाता है।

कथा में, प्रिंस अर्जुन और परमेश्वर कृष्ण के बीच हुए संवाद को प्रस्तुत किया गया है, जो मनुष्य के स्वरूप में प्रकट हुए हैं, और प्रिंस के सारथी (रथ-चालक) और सलाहकार के काम करते हैं।

अर्जुन, पाण्डवों के सेनापति, कुरुक्षेत्र में होने वाले महायुद्ध में सम्मिलित होने को समर्थन करने से पहले, समने समने सेना में पहचानने की कला में महिर होते हुए, समने समने सेना में पहचानने की कला में महिर होते हुए, समने समने सेना में पहचानने की कला में महिर होते हुए, समने समने सेना में पहचानने की कला में महिर होते हुए, समने समने
আপডে’ট কৰা তাৰিখ
১৭-০৪-২০২৩

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নতুন কি আছে

भगवद् गीता एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ है, जिसमें श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच कुरुक्षेत्र के युद्ध के मौके पर हुए संवाद का वर्णन है। इसमें श्री कृष्ण ने अर्जुन को सांख्य, कर्म, भक्ति, ज्ञान, राज, विभूति, अक्षर ब्रह्म, ज्ञान-विज्ञान, संन्यास, मोक्ष, संन्यास-कर्म-योग, पुरुषोत्तम-योग, गुण-त्रय-विभाग-योग, श्रद्धा-त्रय-विभाग-योग, मोक्ष-संन्यास-योग आदि के बारे में प्रमाणिक और सरल उपदेश दिए हैं।