अध्यात्मरामायणम किलिप्पट्टू संस्कृत हिंदू महाकाव्य रामायण का सबसे लोकप्रिय मलयालम संस्करण है। ऐसा माना जाता है कि इसे 17वीं शताब्दी की शुरुआत में थुन्चथु रामानुजन एज़ुथाचन द्वारा लिखा गया था, और इसे मलयालम साहित्य का एक क्लासिक और मलयालम भाषा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पाठ माना जाता है। यह किलिप्पट्टू (पक्षी गीत) प्रारूप में संस्कृत कृति अध्यात्म रामायण का पुनर्कथन है। एज़ुथाचन ने अपनी रामायण लिखने के लिए ग्रंथ-आधारित मलयालम लिपि का उपयोग किया, हालांकि वट्टेलुट्टू लेखन प्रणाली उस समय केरल की पारंपरिक लेखन प्रणाली थी। केरल के हिंदू परिवारों में अध्यात्मरामायणम किलिप्पट्टू का पाठ बहुत महत्वपूर्ण है। मलयालम कैलेंडर में कार्किटकम महीने को रामायण पाठ माह के रूप में मनाया जाता है और पूरे केरल में हिंदू घरों और मंदिरों में रामायण का पाठ किया जाता है।
अध्यात्म रामायण में वामदेव, वाल्मिकी, भारद्वाज, नारद, विराध, सरबंगा नदी, सुतीक्ष्ण, अगस्त्य, विश्वामित्र, वशिष्ठ, जटायु, कभांड, सबरी, स्वयंप्रभा, परशुराम, विभीषण और हनुमान से लेकर सभी राम की स्तुति और स्तुति करते हैं। यह बात वाल्मिकी में अनुपस्थित है
-विकी
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
17 जुल॰ 2023