महमूद अल-होसरी, एक मिस्र के वाचक और शेख। लोग उन्हें पहले रेडियो पर जानते थे, फिर उनकी प्रसिद्धि क्षितिज पर फैल गई। उन्होंने पवित्र कुरान की सेवा में महान प्रयास किए और वकालत और दान के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। कई देश। उनकी वकालत उपलब्धियों में शिक्षक महमूद अल-होसरी द्वारा कुरान की रिकॉर्डिंग थी।
जन्म और पालन-पोषण
महमूद खलील अल-होसरी का जन्म 17 सितंबर, 1917 को मिस्र के ग़ारबिया प्रांत के तंता शहर के शुबरा अल-नामला गाँव में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन शुबरा गांव और तंता शहर के बीच बिताया।
अध्ययन एवं प्रशिक्षण
अल-हुसरी बचपन में ही कुरान से जुड़ गए थे, और कुछ सूत्रों का कहना है कि जब वह 4 साल के थे, तब उन्होंने शुबरा गांव में पवित्र कुरान सीखना शुरू किया था। उन्होंने आठ साल की उम्र में कुरान को याद करना पूरा कर लिया, जिसके बाद वह तंता में धार्मिक संस्थान में शामिल हो गए। वह तांता मस्जिद में वैज्ञानिक मंडलियों में शामिल हुए, जहां महमूद अल-हुसरी ने ताजवीद के शिक्षक और पाठ का विज्ञान सीखा।
अल-अजहर में, उन्होंने पवित्र कुरान के दस आख्यानों का अध्ययन किया और शेखों से प्रमाण पत्र और सिफारिशें प्राप्त कीं, जिसने उन्हें पवित्र कुरान का वाचक और वाचक बनने के लिए योग्य बनाया।
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पिछली बार अपडेट होने की तारीख
7 अक्तू॰ 2023