अल्लामा मुहम्मद इक़बाल बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ कविता
♦ उर्दू गीत, रोमन उर्दू लिप्यंतरण, अनुवाद ♦
♦ उर्दू, हिंदी कविता لب پہ آتی ہی دعا بن کے تمنا میری, जिसे बच्चे की दुआ के नाम से भी जाना जाता है, अल्लामा मुहम्मद इकबाल की 1902 की उर्दू कविता है। यह ईश्वर से एक (बच्चे की) प्रार्थना है जो चरित्र के परोपकारी गुणों और मानवता की सेवा करते हुए जीवन जीने की कामना करती है। इसे पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के कई क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालय की सुबह की सभाओं में स्कूल गीत के रूप में अक्सर गाया जाता है। मीडिया पर सबसे प्रसिद्ध रूप से सुना जाने वाला नात एमपी3, नात शरीफ वह है जिसे भारतीय गायक सिज़ा रॉय ने गाया था।
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
22 सित॰ 2016