नमाज़ में भूलने की बीमारी का सज्दा तब होता है जब किसी व्यक्ति को यह नहीं पता होता है कि उसने कितनी रकअत पढ़ी हैं। चाहे उसने नमाज़ में रकअत की संख्या बढ़ा दी हो या कम कर दी हो। इस स्थिति में, भूलने की बीमारी का सज्दा किया जाता है।
भूलने का सज्दा कैसे करें और इसे चरण दर चरण सिखाएं ताकि पूरी तरह से जान सकें और सीख सकें कि नमस्कार के बाद भूलने का सजदा कब करना है। भूलने का सज्दा, कितने सजदे, इस पर क्या हुक्म है समेत कई सवाल हैं। विस्मृति का सजदा, विस्मृति का सजदा क्या है, और विस्मृति के सजदा का अर्थ क्या है? इन सभी का उत्तर यहां दिया जाएगा।
भूलने की बीमारी के सज्दे पर किताब यह स्पष्ट करने के लिए है कि आपके लिए क्या मुश्किल है और भूलने की बीमारी और अन्य चीजों के सज्दे पर हुक्म जानना है
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
19 अग॰ 2024