प्लास्टिक उत्पाद हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में बड़े पैमाने पर पॉलिमर का उत्पादन होता है। जब प्लास्टिक की उपयोगिता समाप्त होने के बाद उसे फेंक दिया जाता है तो उसे प्लास्टिक कचरा कहते हैं। बलिया जिला प्रशासन ने एक प्लास्टिक कचरा प्रबंधन मॉडल स्थापित किया है जो सभी स्थानीय सरकारी स्कूलों में संग्रह बिंदुओं का उपयोग करता है। छात्रों को प्रदूषण के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और प्रत्येक स्कूल में निर्दिष्ट कचरा संग्रह बिंदुओं पर रैपर, सिंगल-यूज प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक कचरा, बोतलें आदि जमा करके कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन्हें बदले में कचरा/कचरा संग्रहकर्ता द्वारा एकत्र किया जाता है, अलग किया जाता है और फिर जिले के भीतर एक प्लास्टिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण संयंत्र में पहुंचाया जाता है। यह प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था में ले जाने के लिए एक सामाजिक-तकनीकी मॉडल बनाने में मदद करता है। यह मोबाइल ऐप संग्रह बिंदुओं से रीसाइक्लिंग प्लांट तक प्रवाह को ट्रैक करने में डिजिटल सहायता प्रदान करता है।
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
18 अक्टू॰ 2022