आरण्यक - विभूतिभूषण बनर्जी
अरण्यक विभूतिभूषण बंदोपाध्याय का चौथा उपन्यास है। अरण्यक विभूतिभूषण बंदोपाध्याय के सबसे उल्लेखनीय कार्यों में से एक है। विभूतिभूषण बनर्जी ने बिहार में अपने करियर के अनुभव से उपन्यास लिखा था। उपन्यास अरण्यक में, लेखक विभूतिभूषण बंदोपाध्याय प्रकृति, जादू और आदिमता के गहरे रहस्य में जीवन के वास्तविक रूप को पाते हैं; उन्होंने विविध प्रवृत्तियों और मानवीय धारणा के नए रूपों को देखा। अनुभव और विशेषणों की नवीनता में उन्होंने पूरी कहानी को व्यवस्थित किया है। विशाल जंगल - इसका विशाल जंगल, वनस्पति, सभी प्रकार की परिचित और अपरिचित नई जड़ी-बूटियां, सभी प्रकार के पक्षी, जंगली जानवरों का अंग, चांदनी रात का रहस्य, एकांत का सन्नाटा, मनुष्य की अनंत दूरी, अकल्पनीय सुंदरता , लेखक विभूतिभूषण बंदोपाध्याय ने वन उपन्यास में उपस्थिति, जल निकाय के मोहक स्पर्श, अद्भुत भावनाओं की स्वप्नभूमि और गहन शांति और आनंद की माला की व्यवस्था की है।
अरण्यक ऐप की विशेषताएं:
★ अरण्यका - विभूतिभूषण बनर्जी - फ्री और ऑफलाइन and
ऑफ़लाइन ऐप, उपयोग करने के लिए किसी इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है
★ आधुनिक डिजाइन
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
29 अप्रैल 2025