पूरे रवींद्रनाथ की रचना
रवीन्द्र रचनबली
रवींद्रनाथ टैगोर (25 वें बैशाख, 126 - 22 वें श्रवण, 1348 बीएस / 7 मई, 181 - 7 अगस्त, 1941 ई।) एक प्रमुख बंगाली कवि, उपन्यासकार, संगीतकार, नाटककार, चित्रकार, लघुकथाकार, निबंधकार, अभिनेता थे। रबींद्रनाथ टैगोर को बंगाली भाषा का सबसे बड़ा लेखक माना जाता है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 52 कविताएँ, 13 उपन्यास, 95 लघु कहानियाँ, 36 निबंध और गद्य पुस्तकें और 36 नाटक और लगभग दो हजार गीत लिखे। रवीन्द्र रचनबली के नाम से रवींद्रनाथ का संपूर्ण कार्य 32 खंडों में प्रकाशित हुआ है।
कविताएँ: रवींद्रनाथ टैगोर ने अनगिनत कविताएँ लिखीं। उनकी कविता की उल्लेखनीय किताबें हैं:
गीतांजलि
सोने की नाव
गेय
बलाका
पुनश्च, आदि। उनकी कविता की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक गीतांजलि है। उन्होंने इस पुस्तक के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता।
लघुकथाएँ: रवींद्रनाथ टैगोर अपनी कहानियों में आसपास की घटनाओं या आधुनिक विचारों पर अपने विचार व्यक्त करते थे। उनकी कहानी की किताब है:
कहानियों का गुच्छा
लघु कथा
तीन साथी
मुंशी
उपन्यास: रवींद्रनाथ टैगोर ने कुल तेरह उपन्यास लिखे। य़े हैं:
बाउ-ठकुरानी की टोपी
राजर्षि
आँखों में रेत
नाव डूब गई
तितली प्रतिबंध
गोरा
घर के बाहर
अहाता
संचार
आखिरी कविता
दो बहनें
Malch
चौथा अध्याय
निबंध और पत्राचार: रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाली और अंग्रेजी में कई निबंध लिखे। उनके निबंधों का उल्लेखनीय संग्रह है,
शांति निकेतन
Kalantar
भारत आदि।
नाटक साहित्य: रवींद्रनाथ टैगोर नाटककार और नाटककार थे। उनका सबसे उल्लेखनीय नाटक बाल्मीकि प्रतिभा है
काला हिरण
संन्यास
मोचन
चित्रांगदा आदि।
संगीत और नृत्य: रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग दो हजार गीतों की रचना की। रवींद्रनाथ के सभी गीतों की अधिसूचना 64 खंडों में प्रकाशित की गई है। उन्होंने अपनी कई कविताओं का अनुवाद गीतों में किया।
पेंटिंग: रबींद्रनाथ टैगोर ने लगभग सत्तर साल की उम्र से नियमित रूप से पेंटिंग शुरू की। 1928 से 1939 की अवधि में खींचे गए उनके रेखाचित्रों और चित्रों की संख्या ढाई हजार से अधिक है।
आवेदन की विशेषताएं:
Free पूरा रवींद्रनाथ रचना - मुफ्त और ऑफलाइन
★ ऑफ़लाइन आवेदन तो इंटरनेट का उपयोग करने की कोई जरूरत नहीं है
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रवींद्रनाथ रचाना समागम
रवीन्द्र रचनबली
रवींद्रनाथ टैगोर (25 वें बैशाख, 1268 - 22 वें श्रवण, 1346 बांग्ला युग / 7 मई, 181 - 7 अगस्त, 1941 ई।) एक प्रमुख बंगाली कवि, उपन्यासकार, संगीतकार, नाटककार, चित्रकार, लघु कथाकार, निबंधकार, अभिनेता थे। रबींद्रनाथ टैगोर को बंगाली भाषा का सबसे बड़ा लेखक माना जाता है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 52 कविताएँ, 13 उपन्यास, 95 लघु कहानियाँ, 36 निबंध और गद्य पुस्तकें और 36 नाटक और लगभग दो हजार गीत लिखे। रवीन्द्र रचनबली के नाम से रवींद्रनाथ का संपूर्ण कार्य 32 खंडों में प्रकाशित हुआ है।
कविताएँ: रवींद्रनाथ टैगोर ने अनगिनत कविताएँ लिखीं। उनकी कविता की उल्लेखनीय किताबें हैं:
गीतांजलि
सोनार तोरी
Gitimalya
बलाका
पुंछ, आदि। उनकी कविता की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक गीतांजलि है। उन्होंने इस पुस्तक के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता।
लघुकथाएँ: रवींद्रनाथ टैगोर अपनी कहानियों में आसपास की घटनाओं या आधुनिक विचारों पर अपने विचार व्यक्त करते थे। उनकी कहानी की किताब है:
Galpaguchchha
Golposolpo
तिन सांगी
लिपिका
उपन्यास: रवींद्रनाथ टैगोर ने कुल तेरह उपन्यास लिखे। य़े हैं:
बाउ-ठाकुरनिर हट
राजर्षि
चोखेर बाली
नौका डूबी
प्रजापोतिर निर्बंध
गोरा
घोरे बैरे
चतुरंग
Yogayog
शेशर कबीता
बॉन बॉन
Maloncho
चार अधयाय
निबंध और पत्राचार: रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाली और अंग्रेजी में कई निबंध लिखे। उनके निबंधों का उल्लेखनीय संग्रह है,
शांति निकेतन
Kalantar
भारतवर्ष आदि।
संगीत और नृत्य: रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग दो हजार गीतों की रचना की। रवींद्रनाथ के सभी गीतों की अधिसूचना 64 खंडों में प्रकाशित की गई है। उन्होंने अपनी कई कविताओं का अनुवाद गीतों में किया।
पेंटिंग: रबींद्रनाथ टैगोर ने लगभग सत्तर साल की उम्र से नियमित रूप से पेंटिंग शुरू की। 1928 से 1939 की अवधि में खींचे गए उनके रेखाचित्रों और चित्रों की संख्या ढाई हजार से अधिक है।
आवेदन की विशेषताएं:
★ रवींद्रनाथ रचना समागम - निःशुल्क और ऑफलाइन
★ ऑफ़लाइन आवेदन तो कोई इंटरनेट का उपयोग करने की जरूरत है
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
8 जुल॰ 2020