हम, शिक्षा मंत्रालय में मैरी वार्ड की महिलाएं, यीशु को अपने आदर्श के रूप में रखते हुए, निडर और जीवंत नागरिक बनाने का लक्ष्य रखती हैं, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों।
यह मानते हुए कि शिक्षा न केवल ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करती है जो बौद्धिक रूप से सक्षम, नैतिक रूप से स्वस्थ, मनोवैज्ञानिक रूप से संपूर्ण, दिव्य भावना से ओत-प्रोत हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के एक शक्तिशाली एजेंट भी हैं, हम महिलाओं के सशक्तिकरण और बच्चों के निर्माण की ओर बढ़ते हैं, उनमें न्याय, धार्मिक सहिष्णुता, करुणा और प्रेम की भावना पैदा करना।
जिस दुनिया में वे रहते हैं, उसकी मूल्य प्रणाली से उन्हें अवगत कराते हुए, वे इसका आलोचनात्मक विश्लेषण करने और अपने लिए जिम्मेदार निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
28 अग॰ 2025