संगठन द्वारा सामूहिक रूप से समाज-सा,व परमार्थ के कार्य। संगठन के माध्यम से ब्राह्मण समाज क।। दस्य के सुख-दुख में शामिल रहना। उनकी यथा संभव मदद करना। प्रत्येक सदस्य के पारिवारिक सुख-शानुख-शाननिन प्रगति के लिए प्रभु से सामूहिक प्रार,प्रार जन आदि धार्मिक और मांगलिक कार्यों क॰ क॰ े की व्यवस्था करना ।
ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक कर्मकऍथ॰कऍथ॰ िय ब्राह्मण पंडितों एवं पुजारियोआ क। न और उनकी आर्थिक दशा सुधारने के हर सव उनकी योग्यता और कार्य क्षेत्र के करने कर। ोशल मिडिया पर डिजिटल प्रमोशन करना तथ स नक तरीके से उनकी सेवाएं लोगों को उप।। वैवाहिक कार्यों में सहयोग करना ।