श्री चतुर नारायण शास्त्री बारे में
मानव जीवन का परम चरम लक्ष्य है भगवत प्राप्ति, मोक्ष प्राप्ति पर आज भागदौड़ भरी जिंदगी में हम उससे वंछित रह जाते हैं, घर गृहस्थी के झंझावातो में पड़कर अपना मुख्य उद्देश्य ईश उपासना नहीं कर पाते, उपार्जन और उपभोग में ही अधिकांश समय व्यतीत हो जाता हैै. Шығарылымдар व व सार्थक व नुु ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास जिसमे दो व्यक्तिगत उत्कर्ष के लिए एवं दो सामाजिक विकास के लिए निर्धारित है, जब हम अपनी परिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाए तो हमें वानप्रस्थ का आश्रय लेना चाहिए, किसी पुण्यधरा का आश्रय लेना चाहिए। हमारे वानप्रस्थ जीवन को सफल बनाने हेतु परमपूज्य आचार्य पंडित श्री चतुर नारायण शास्त्री जी जो वर्षो से भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार - प्रसार व सेवा कार्यो में लगे हैं, परमार्थ में सच्ची लगन के चलते महाराजश्री ने वृन्दावन धाम में श्रीराधा माधव सेवासंस्थान ट्रस्ट की स्थापना की जो वृद्धजन एवं गौसेवा हेतु समर्पित व संकल्पित है, व श्रीधाम वृंदावन में अनेक सेवा प्रकल्पो को प्रारंभ किया जिसमे मुख्य है वानप्रस्थ धाम की स्थापना।
Көрініс
Қабырғалар үлесі धधारते ैैैन आआआक ाा, IALLतअा अन्नेत्षर ीमेंष ैेें ैेेै ैैैै ैकेै ैकें ैैैै ैकेंै ैभैै ैकें ैभैै ैकें
Жаңартылған күні
2023 ж. 05 сәу.