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धर्म - हिन्दू धर्म
लेखक - व्यास
भाषा - संस्कृत
श्लोक / आयत -700
य्याय - 18
गीता के श्लोक अर्थ सहित: -
> श्रीमद भगवत गीता के श्लोक में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है।
> गीता के 18 अध्याय और 700 गीता श्लोक में धर्म, कर्मफल, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य आदि जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मौजूद हैं।
> गीता श्लोक श्री कृष्ण ने अर्जुन को उस समय सुनाये जब महाभारत के युद्ध के समय अर्जुन युद्ध करने से मना करते हैं तब श ी ी श ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज
> श्री कृष्ण के इन्हीं उपदेशों को „भगवत गीता“ नामक ग्रंथ में संकलित किया गया है।
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप: -
यद्यपि भगवत गीता का व्यापक प्रकाशन और पठन होता रहा है किंतु बोलता है।
यहां संस्कृत महाकाव्य महाभारत की एक उपकथा के रूप में प्राप्त है. महाभारत में वर्तमान कलियुग की घटनाओं का विवरण मिलता है। इसी युग के प्रारंभ में
आज से लगभग ५००० वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था।
उनकी यह वार्ता जो मानव इतिहास की सबसे महान दार्शनिक तथा धार्मिक वार्ताओं में से एक है, उस महायुद्ध के शुभारंभ के पूर्व हुई, जो धृतराष्ट्
तथा उनके चचेरे भाई पांडवों या पांडु के पुत्रों के मध्य होने वाला भ्रातृघातक संघर्ष था।
धृतराष्ट्र तथा पांडू भाई-भाई थे, जिनका जन्म कुरु वंश में हुआ था और वह राजा भरत के वंशज थे, जिनके नाम पर ही महाभारत नाम पड़ा. क्यूंकि बड़ा भाई
धृतराष्ट्र जन्म से अंधा था, अतएव राज सिंहासन उसे न मिलकर उसके छोटे भााई पांडू को मिला.
पांडु की मृत्यु अल्प आयु में हो गई अतएव उनके 5 पुत्र-युधिष्ठिर भीम अर्जुन नकुल तथा सहदेव धृतराष्ट्र की देखरेख में रख दिए गए, क्योंकि उसे कुछ काल के
लिए राजा बना दिया गया था. इस तरह धृतराष्ट्र तथा पांडु के पुत्र एक ही राज महल में बड़े हुए. दोनों ही को गुरु द्रोण द्वारा सैन्य कला का प्रशिक्षण दिया गया
और पूज्य भीष्म पितामह उनके परामर्शदाता थे।
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