"|| सती विद्या स्वयं देया ||
मंगल विद्यापीठ
जैनेश्वरी विद्या हमारे जीवन का अमृत हैर इसे पीते रहना हमारा धर्म। तीर्थधाम मंगलायतन इसका रसपान कराने अत्यंत प्रमोद के स थ थ विद विद य प
"" हर घर मंगलार्थी, घर घर मंगलायतन "" के स स्स न द द द द द द द द द द द द द द द द द
मंग्लार्थियों द्वारा ही संचलित इस सर्स में ोचकत, एवं एवं लतरलत की सत्श्रुत-त्रिवेणी में ज ज ञ ञ
~ तीर्थधाम मंगलायतन "