"|| सती विद्या स्वयं देया || . สิทธิ
มงคล วิฑูรย์
जैनेश्वरी विद्या हमारे जीवन का अमृत है और इसे पीते रहना हमारा धर्म । तीर्थधाम मंगलायतन इसका रसपान कराने अत्यंत प्रमोद के साथ मंगल-विद्यापीठ को प्रस्तारित कर रहा है।
"" हरघरमंगलार्थी, घरघरमंगलायतन "" केस्वप्नकोजीवंतकरताहुआयहउपक्रमअपनेसमृद्ध, अभिनवएवंव्यवस्थितपाठ्यक्रमसेउनसभीकेलिएवरदानपूर्णहैजोजैनधर्मकोशून्यसेशिखरतकसमझनाचाहतेहैं
मंग्लार्थियों द्वारा ही संचलित इस कोर्स में रोचकता, आधुनिकता एवं सरलता की संग्लार्थियों द्वारा ही संचलित इस कोर्स में रोचकता, आधुनिकता एवं सरलता की सत्श्रु-त्रिवमणर्हान्ह्त्र्हारा एवं सरलता की संग्लार्थियों ुनिकता एवं सरलता की सत्श्रु-त्रिवसणर्हान्ह्त।्र्ह्ह्ह्เบส
~ ตรีรัตราม มนงกฤษฏิณ "