उत्तर प्रदेश के राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन की उत्पत्ति 15 सितंबर, 1946 को ऐतिहासिक एक बैठक में हुई, जो कि मेरठ के एम०इ०एस० पावर हाउस में श्री ए०इ० ब्लेक के नेतृत्व में आयोजित हुई थी। 15 समर्पित सदस्यों के सहभागित्व से, संगठन की धारा निर्धारित की गई, जिससे "सबआर्डीनेट इंजिनीयर्स (हाइड्रो इलेक्ट्रिक) एसोसिएशन, यू०प्र०" की स्थापना हुई। बाद में, 1974 तक इस नाम को "अधीनस्थ अभियंता (जल विद्युत) संगठन, यू०प्र०" में बदल दिया गया, जो संगठन के विस्तृत विचार और उद्देश्य को प्रतिबिम्बित करता है।
प्रारंभिक अध्यक्ष श्री आर०के० वर्मा और महासचिव श्री ए० बासू के नेतृत्व में, संगठन अपनी यात्रा पर निकला। उनके दृष्टिकोणी नेतृत्व ने संगठन का पंजीकरण ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रार के अधीन संगठन का पंजीकरण किया, जिसमें पंजीकरण संख्या 257 थी, जो कि 1946 के स्थापना वर्ष में ही एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
अपने विनम्र आरंभों से, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उत्तर प्रदेश ने राज्य भर के जूनियर इंजीनियर्स के लिए उत्कृष्टता और एकता का चिराग बनाया है। दशकों तक की समृद्ध विरासत के साथ, हम पेशेवरता, एकता, और प्रगति के मूल्यों का समर्थन करते हुए, हमारे प्रिय सदस्यों के हित को सशक्त करने और बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं
संगठन का संविधान
दिनाक 15.09.1946 को मेरठ के एम०ए०एस० पावर हाऊस पर श्री ए०ए० ब्लेक की अध्यक्षता मे बैठक हुई! 15 सदस्यों की उपस्थिति मे संगठन की नियमावली का निर्माण किया गया और संगठन का नाम रखा गया "सबआर्डीनेट इंजिनीयर्स (हाइड्रो इले०) एसॉसियेशन उ०प्र०" बाद में हिन्दी मे यही नाम " अधीनस्थ अभियंता(जल विद्युत) संगठन उ०प्र० के रूप में 1974 तक चला ! प्रथम अध्यक्ष श्री आर०के० वर्मा एवम् महासचिव श्री ए० बासू चुने गये, इन पदाधिकारियों ने 1946 मे ही संगठन का पंजीकरण 257 संख्या पर रजिस्ट्रार आफ ट्रेड यूनियन के यहाँ करा लिया था !