गोडुग्धा (गाय का दूध), गोदाधी (दही), गोघृत (गाय का घी) का संयोजन। गोमूत्र (गोमूत्र), गोमय (गोबर) को समान मात्रा में मिलाकर पंचगव्य कहा जाता है। गाय का सभी देवताओं का वास और धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त करने का माध्यम होने का वर्णन कई प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मिलता है। गाय से प्राप्त होने वाले पंचगव्य का उपयोग विभिन्न औषधियों, खाद, कीटनाशक, धूप, टूथ पाउडर, नहाने के साबुन आदि के उत्पादन के लिए किया जाता है।
पिछली बार अपडेट होने की तारीख
2 अप्रैल 2022