धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को महाकाल भी कहा गया है. महाकाल का अर्थ है काल यानी मृत्यु भी जिसके अधीन हो. भगवान शिव जन्म-मृत्यु से मुक्त हैं. अनेक धर्म ग्रंथों में भगवान शंकर को अनादि व अजन्मा बताया गया है. भगवान शंकर से संबंधित अनेक धर्मग्रंथ प्रचलित हैं، लेकिन शिवपुराण उन सभी में सबसे अधिक प्रामाणिक माना गया है.
इस ग्रंथ में भगवान शिव से संबंधित अनेक रहस्यमयी बातें बताई गई हैं. इसके अलावा इस ग्रंथ में ऐसी अनेक बातें लिखी हैं، जो आमजन नहीं जानते. शिवपुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को मृत्यु के संबंध में कुछ विशेष संकेत बताए हैं. इन संकेतों को समझकर यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती है.
خوانده شده طیف پوران شیو در فونت های هندی.
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تاریخ بهروزرسانی
۱۸ اسفند ۱۴۰۱