संत कबीर और उनकी अनमोल शिक्षा

Mahesh Dutt Sharma · Четене от AI от Harsha (от Google)
4,5
2 отзива
Аудиокнига
3 ч 30 мин
Пълно издание
Четене от AI
Искате ли безплатна извадка от 21 мин? Слушайте по всяко време – дори офлайн. 
Добавяне

Всичко за тази аудиокнига

सन् 1398 में जनमे कबीर ने तात्कालिक समाज में व्याप्त कुरीतियों, धार्मिक भेद-भावों, असमानता और जातिवाद आदि विकारों को दूर करने का भरसक प्रयास किया और इसमें उन्हें आंशिक सफलता भी मिली। सामान्य तरीके से जन्म लेकर और एक अति सामान्य परिवार में पलकर कैसे महानता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह महात्मा कबीर के आचार, व्यवहार, व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व से सीखा जा सकता है। तभी तो अपना परिचय वे सार्वभौमिक रूप में देते हुए कहते हैं-

जाति हमारी आत्मा, प्राण हमारा नाम।

अलख हमारा इष्ट, गगन हमारा ग्राम।।

अपने दोहों के माध्यम से कबीर ने समाज के बीच आपसी सौहार्द और विश्वास बढ़ाने का काम किया। कबीर ने कोई पंथ नहीं चलाया, कोई मार्ग नहीं बनाया; बस लोगों से इतना कहा कि वे अपने विवेक से अपने अंतर्मन में झाँकें और अपने अंतर के जीवात्मा को पहचानकर सबके साथ बराबर का व्यवहार करें क्योंकि हर प्राणी में जीवात्मा के स्तर पर कोई भेदभाव नहीं होता। सबका जीवात्मा एक समान है।


Оценки и отзиви

4,5
2 отзива

Оценете тази аудиокнига

Кажете ни какво мислите.

Информация за слушането

Смартфони и таблети
Инсталирайте приложението Google Play Книги за Android и iPad/iPhone. То автоматично се синхронизира с профила ви и ви позволява да четете онлайн или офлайн, където и да сте.
Лаптопи и компютри
Можете да четете закупени от Google Play книги посредством уеб браузъра на компютъра си.