Bojh Se Mukti (Original recording - voice of Sirshree): Bodh Prapti Ka Saral Tarika

· WOW Publishings Private Limited · Letto da Sirshree
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बोझ के नहीं, बोध के फैन बनें

जीवन जीने के दो तरीके हैं- बोझ उठाकर जीवन जीना या बोध (ज्ञान) के साथ जीवन जीना। लोग अनजाने में पहले तरह का जीवन ही चुनते हैं। दूसरे तरह का जीवन है और इसका चुनाव करने का विकल्प भी है, यह अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता। आपने कौन सा जीवन चुना है? क्या आप सभी तरह के बोझ से मुक्त जीवन जीना चाहते हैं? ऐसा जीवन जो आपको बोध प्राप्ति के बाद मिलता है? यदि ‘हाँ’ तोे आइए, इस पुस्तक में समझें ः

1. बोझयुक्त जीवन क्या है?

2. कौन से बोझ हैं, जो हर इंसान अनजाने में लेकर घूम रहा है?

3. क्या हर तरह के बोझ से मुक्ति संभव है?

4. अगर यह संभव है तो इंसान अब तक ऐसा जीवन क्यों नहीं जी पा रहा है?

5. कौन सा बोध हमें उच्चतम अवस्था की तरफ ले जा सकता है?

6. इस बोध प्राप्ति के लिए हमें कौन सी शक्ति अर्जित करनी है और कौन सी बाधाओं को पार करना है?

साथ ही इस पुस्तक में हम हर डर से मुक्ति का मंत्र जानेंगे। एक ध्यान पद्धति के साथ-साथ कुछ तकनीकें सीखेंगे, जिनसे हमारी सारी समस्याएँ समाप्त हो जाएँगी। असली बोध प्राप्ति के संकेत के साथ आप यह भी जानेंगे कि इंसान का असली धर्म क्या है। 

अब तक आपने बोझ के फैन बनकर जीवन जीया, अब बोध के फैन बनकर जीवन की नई शुरुआत करें।

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Informazioni sull'autore

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।


उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।


सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’


सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

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