अजीत, नासिर और रश्मि ने मिलाकर एक डकैती की योजना बनाई थी । उनकी सारी योजना, सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं बस उन्हें एक चौथे साथी की तलाश थी जो ना केवल डकैती की उनकी योजना में उनके काम आता बल्कि जिसे बाद में भी वे काम ला सकते ! और फिर जब उनकी मुलाकात विमल से हुई तो जैसे उनके मन की मुराद पूरी हो गई ! इन चारों की कहानी है "इश्तिहारी मुजरिम"
Müsteeriumid ja põnevusromaanid