Sadguru Nanak (Original recording - voice of Sirshree): Guru nanak ki jeevani aur sikhavaniya

· WOW Publishings Private Limited · ບັນຍາຍໂດຍ Sirshree
4,8
4 ຄຳຕິຊົມ
ປຶ້ມສຽງ
2 ຊົ່ວໂມງ 11 ນາທີ
ສະບັບເຕັມ
ຕ້ອງການຕົວຢ່າງ 13 ນາທີ ຟຣີບໍ? ຟັງໄດ້ທຸກເວລາ,​ ເຖິງແມ່ນໃນເວລາອອບລາຍຢູ່ກໍຕາມ. 
ເພີ່ມ

ກ່ຽວກັບປຶ້ມອ່ານອອກສຽງ

एक है वह ईश्वर, जिसने सारी दुनिया बनाई और एक है वह, 

जिसे हम ईश्वर कहते हैं, जिसे सत्नाम कहा जाता है।


गुरु नानक की वाणी से निकला यह महावाक्य ईश्वर की सराहना है और "सदगुरु नानक" यह ऑडियो बुक वास्तव में गुरु नानक की ही सराहना है। सरश्री की गुरुवाणी में उपलब्ध इस ऑडियो बुक में सहज, सुंदर भाषा में गुरु नानक की जीवनी पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने जीवनभर हुकुम के साथ कार्य किया। हुकुम यानी ईश्वर की आज्ञा।  

बचपन से ही गुरु नानक देवजी ने जिस "एक ओंकार..." की बात कही, उसका अनुभव वे स्वयं कर रहे थे। अपने जीवन में उन्होंने समस्त मानव जाति को एक पिता परमेश्वर की संतान माना। वे हर एक में उस "एक ओंकार..." यानी सेल्फ, ईश्वर, गॉड, परमेश्वर को ही देख रहे थे। उन्होंने लोगों को जो शिक्षाएँ और उपदेश दिए, सबसे पहले स्वयं में उनका पालन होते हुए देखा। लोगों के सामने अपने जीवन का उदाहरण रखा कि संसार में रहकर भी किस प्रकार ईश्वर की आराधना की जा सकती है। इस तरह सरल, सहज और रोचक भाषा में बनी गुरु नानक देवजी की यह ऑडियो बुक सुनकर निश्चित ही सभी को प्रेरणा मिलेगी।

इस ऑडियो बुक में गुरु नानक देवजी के जीवन की विविध घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें आप समझेंगे -

* गुरु नानक देवजी के बचपन की अनोखी घटनाएँ

* गुरु नानक देवजी का सांसारिक जीवन

* सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन में समन्वय

* गुरु नानकजी की यात्राएँ

* गुरु गादी के सच्चे हकदार के लिए शिष्यों की अतार्किक परिक्षाएँ

* गुरु नानकजी की प्रमुख सिखावनियाँ


ການຈັດອັນດັບ ແລະ ຄຳຕິຊົມ

4,8
4 ຄຳຕິຊົມ

ກ່ຽວກັບຜູ້ຂຽນ

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।


उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।


सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’


सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

ໃຫ້ຄະແນນປຶ້ມສຽງນີ້

ບອກພວກເຮົາວ່າທ່ານຄິດແນວໃດ.

ຂໍ້ມູນການຟັງ

ສະມາດໂຟນ ແລະ ແທັບເລັດ
ຕິດຕັ້ງ ແອັບ Google Play Books ສຳລັບ Android ແລະ iPad/iPhone. ມັນຊິ້ງຂໍ້ມູນໂດຍອັດຕະໂນມັດກັບບັນຊີຂອງທ່ານ ແລະ ອະນຸຍາດໃຫ້ທ່ານອ່ານທາງອອນລາຍ ຫຼື ແບບອອບລາຍໄດ້ ບໍ່ວ່າທ່ານຈະຢູ່ໃສ.
ແລັບທັອບ ແລະ ຄອມພິວເຕີ
ທ່ານສາມາດອ່ານປຶ້ມທີ່ຊື້ຜ່ານ Google Play ໂດຍໃຊ້ໂປຣແກຣມທ່ອງເວັບຂອງຄອມພິວເຕີໄດ້.

ເພີ່ມເຕີມຈາກ Sirshree

ປຶ້ມອ່ານອອກສຽງທີ່ຄ້າຍຄືກັນ

ບັນຍາຍໂດຍ Sirshree