श्वेताश्वतर उपनिषद कृष्णयजुर्वेद के अंतर्गत है। इस उपनिषद् की विचारशैली बड़ी ही सुसम्बन्ध और भावपूर्ण है। इसमें साध्य,साधन, साधक और प्रतिपाद्य विषय के महत्व का बहूत स्पष्ट और मार्मिक भाषा में निरूपण किया गया है।
स्वामी ब्रह्मेशानन्द रामकृष्ण संघ के एक वरिष्ठ संन्यासी हैं। श्वेताश्वतर उपनिषद् की उनकी यह प्रांजल व्याख्या रामकृष्ण - विवेकानन्द भावधारा के अनुरूप की गयी है।
This audiobook is published by Advaita Ashrama (A publication branch of Ramakrishna Math, Belur Math, India).
Swami Brahmeshananda is a senior monk of the Ramakrishna Order