The Meera (Original recording - voice of Sirshree): Bhakti ka Himalaya

· WOW Publishings Private Limited · Narrated by Sirshree
4.7
21 reviews
Audiobook
2 hr 1 min
Unabridged
Want a free 12 min sample? Listen anytime, even offline. 
Add

About this audiobook

भक्ति को मिली मंज़िल


"द मीरा" यह ऑडियो बुक सरश्री की मूल आवाज में बनाई गई है। इसे सुनकर निश्चित ही आप भक्तिमय अनुभव प्राप्त करेंगे। 

मीरा कही-सुनी कहानी नहीं बल्कि एक हकीकत है। भक्ति की शक्ति को यदि आकार देना हो तो मीरा का चेहरा, मीरा की भाव मुद्रा और मीरा का तंबूरा (एकतारा) सामने आता है। मीरा की ऐसी प्रतिमा सहज ही आपकी आँखों के सामने आती है लेकिन मीरा इस प्रतिमा से बहुत आगे निकल गई है। 

इस ऑडियो बुक द्वारा आप मीरा की अवस्था को न भी समझ पाएँ लेकिन इसे सुनकर भक्ति की एक किरण ज़रूर प्राप्त कर सकते हैं। मीरा का शाब्दिक अर्थ भक्ति नहीं है लेकिन मीरा शब्द से भक्ति ही याद आती है इसलिए भक्ति का दूसरा नाम मीरा है।

इस ऑडियो बुक में भक्त मीरा के जीवन की विविध घटनाओं का वर्णन किया गया है तथा इन घटनाओं के प्रति हमारी समझ क्या हो, इस पर रोशनी डाली गई है। इसके अतिरिक्त इस ऑडियो बुक से आप जानेंगे ः

* भाव के प्रभाव का महत्त्व क्या है

* मीरा का स्वसंवाद, स्वर और स्वसेवा कैसी थी

* स्वयं पर होनेवाले अत्याचार के प्रति, मीरा का प्रतिसाद कैसा था

* मीरा की गुरुभक्ति कैसी थी

* मीरा के विवाह के चार कारण क्या थे

* मीरा के जीवन में हर अत्याचार वरदान कैसे बना

* मीरा की उपस्थिति का लाभ औरों को कैसे होता था

* जीवन में आनेवाली समस्याओं को मीरा किस नज़र से देखती थी

Ratings and reviews

4.7
21 reviews
IAS Snehal
21 January 2021
Meri baki kam Jada hoti rahti hai , pr Mai meera ji ki jaisi baki ukat jivan ji na chahati hu hu sirshree 🙏 mujhe baki ke rag mai rag dijiye , ye book meri baki badha ne ke liye help kar rhi hai , thanku sirshree for being my life
Did you find this helpful?
Roopa Kachapur
20 April 2021
very devotional experiences after hearing Meera life history, Very very inspiring book for devotional inclinations
Did you find this helpful?
jawerchand jain
5 March 2022
Bhakti hi mukti ka saral marg h..
Did you find this helpful?

About the author

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।


उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।


सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’


सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

Rate this audiobook

Tell us what you think.

Listening information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can read books purchased on Google Play using your computer's web browser.

Listeners also liked

More by Sirshree

Similar audiobooks