अम्माँ Amma (Hindi Poetry)

· Bhartiya Sahitya Inc.
ଇବୁକ୍
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ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

कुछ अपनी बात


‘माँ’ एक ऐसा अज़ीम लफ़्ज़ जिसे सुनकर ख़ुद ब ख़ुद सर अदब से झुक जाता है, दिल में भावनाओं का ज्वार उमड़ने लगता है। कोई ऐसा नहीं होगा जिसे अपनी माँ से प्यार नहीं हो, मुझे भी है। आज मेरी माँ नहीं हैं मगर प्यार बरसाता हुआ झुर्रियों भरा चेहरा मुझे सदैव याद रहता है। शायरी में माँ का वर्णन बहुत किया गया है और माँ पर कहे गए हर शेर को बहुत नवाज़ा गया है, मोहतरम मुनव्वर राना और जनाब सागर त्रिपाठी साहब ने इस पर बहुत काम किया है। इनके इलावा बहुत हैं जिन्होंने माँ को अपनी शायरी का मौज़ूँ बनाया है। मैं एक छोटा सा शायर हूँ, एक कोशिश की माँ पर कुछ कहने की, फिर ये कोशिश शौक़ में बदली - एक के बाद एक शेर होते गए, और आज चुनिन्दा 101 शेरों का ये मजमुआ आप के हाथ में है।

मैं शुक्रिया अदा करता हूँ मुनफ़रिद लबो लहजे के शायर जनाब हसन फ़तेहपुरी साहब का और सागर त्रिपाठी साहब का जिन्होंने मेरे इस मजमुए को अपनी राय से नवाज़ा। इनके इलावा डाक्टर क़मर अली शाह, के. के. क़ुरेशी नाज़ां साहब की रहनुमाई मुझे मिलती रही है।

मेरे भतीजे शोएब समर ने तस्वीरें चुनने में मेरी बहुत मदद की, मैं सबका शुक्रिया अदा करता हूँ, उम्मीद करता हूँ कि मजमुआ आपको पसन्द आएगा।

अपनी राय ज़रूर मेरे मोबाइल नम्बर पर भेजें।


- साजिद हाशमी

मोबा. 9425660027


ଲେଖକଙ୍କ ବିଷୟରେ

साजिद हाशमी 'साजिद'

जन्म : 7 जनवरी 1955, राजगढ़ (ब्यावरा), मध्य प्रदेश

माता :   श्रीमती मासूम बी

पिता : जनाब हयात हाशमी ‘हयात’

सम्प्रति :

मध्य प्रदेश शासन में राजस्व निरीक्षक,अधीक्षक भू अभिलेख और तहसीलदार के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं, सेवा निवृत्ति के बाद विभिन्न सामाजिक और साहित्यिक संगठनों से जुड़ कर समाज एवं साहित्य सेवा कर रहे हैं। अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित, साहित्य के हर रंग यथा गीत, ग़ज़ल, नज़्म, कविताएं, कहानी, व्यंग्य रचनाएं आदि लिखने में रुचि, सोशल मीडिया यथा फेसबुक तथा ट्विटर आदि पर सक्रिय, सोशल मीडिया पर प्रमुख साहित्यिक समूहों में सक्रिय सदस्य। एकता, भाईचारा और राष्ट्र प्रेम पर प्रमुखता से लेखन।


प्रकाशित किताबें :

किलकारियां (बच्चों के गीत)

चाँद ज़मीं पर उतरेगा (ग़ज़ल संग्रह)

खयाबाने हम्दो नात (नातिया संग्रह)

वतन तेरे लिये (राष्ट्र प्रेम पर आधारित रचनाओं का संग्रह)

क़तरात - विभिन्न विषयों पर शेरों का संग्रह

लफ़्ज़ों के फूल - विविध अशआर का संकलन

दूरदर्शन और रेडियो के अलावा अख़बारों और मैगज़ीन में कहानियाँ, हास्य व्यंग्य के आलेख प्रसारित और प्रकाशित हुए हैं.


सम्पर्क :

मो. - 9425660027

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