वे कोन-सी बाधाएँ हैं जो हमें अपने आतंरिक उपहारों को पाने से रोकती हैं? हम उन बाधाओं पर कैसे विजय पा सकते हैं? आत्मा के खज़ानों तक पहुँचने की सरल विधियाँ इस पुस्तक में दी गई हैं ताकि पाठक स्वयं में निहित शक्ति को जान सके। एक बार हम इन आतंरिक खज़ानों को ढूँढ लें, तो हम अपने जीवन में बहुत बदलाव पाएँगे जिससे हमारी जिंदगी का हर पक्ष बेहतर हो जाएगा - व्यक्तिगत संबंधों से लेकर शारीरिक, बौद्धिक और भावात्मक स्वास्थ्य, हमारा पेशा, हमारा रूहानी विकास और जीवन के लक्ष्यों को पाना। यह लेखक की आशा है कि यह बदलाव हमारी ज़िंदगियों में शान्ति और खुशी लाएगा और एक अधिक शांतिपूर्ण और प्रेममयी संसार के बनाने में मददगार होगा।
यह सरल पुस्तक 'आत्म-शक्ति' एक गाइड है जो आत्मा की खोज और उसकी अनन्त शक्ति के अनुभव में पाठकों की मदद करेगी।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज, सावन कृपाल रूहानी मिशन/साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के अध्यक्ष हैं, तथा अध्यात्म के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रचार-प्रसार करने के अपने प्रयासों के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं। भारत में जन्मे और वैज्ञानिक के रूप में प्रशिक्षित महाराज जी को अध्यात्म और विज्ञान, दोनों का गहरा ज्ञान है। विज्ञान, कम्प्यूटर्स और संचार के क्षेत्र में अपने लंबे अनुभव के कारण संत राजिन्दर सिंह जी महाराज अध्यात्म को भी वैज्ञानिक तरीके से प्रस्तुत करने में सफल रहे हैं। वे अध्यात्म और ध्यानाभ्यास को इतनी सरलता से समझाते हैं कि लोग आसानी से उसका अनुभव कर पाते हैं। महाराज जी का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा के प्रति समर्पित रहा है, ताकि संपूर्ण विश्व में शांति और आध्यात्मिक जागृति का संचार हो सके।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज अनेको प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक हैं, जिनका अनुवाद विश्व की 50 से अधिक भाषाओं में किया जा चुका है। उनकी पुस्तकें आध्यात्मिक ज्ञान का भंडार हैं, जो पाठकों के दिलों को राहत और बुद्धि को विवेक प्रदान करती हैं। उनकी लेखनी में अध्यात्म और विज्ञान की गहरी समझ झलकती है, जो पाठकों को बाँध लेती है। उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं - मन का शुद्धिकरण, मंज़िले महबूब, दिव्य चिंगारी, आत्मिक शांति की खोज तथा आत्म-शक्ति।