कुरआन शरीफ का परिचय व उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

Abdul Waheed
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कुरआन ( करीम ) एक पवित्र पुस्तक है जो कि अल्लाह ( ईश्वर ) का संदेश मानवता की भलाई के लिए अवतरित हुई है । यह वही क़ुरआन ( Quran ) है जब संसार की अथवा व की उत्पत्ति हुई थी लेकिन समयानुसार प्रत्येक नबी पर अवतरित होती रही । नबी ने बड़ी ईमानदारी से अल्लाह के आदेशानुसार अल्लाह के संदेश को मानव तक पहुंचाते रहे लेकिन मानव अपने स्वार्थ के अनुसार पवित्र पुस्तक में कांट छांट करते रहे परिणामस्वरूप इंसान को असली ( अल्लाह के संदेश ) नहीं मिल पाते तत्पश्चात अल्लाह भी अपने संदेश आने वाले नबियों को फरिश्ता ( जिबाइल ) के द्वारा बताते रहे इसके बावजूद भी अल्लाह की किताब ( तौरेत , जबूट , इंजील और अन्य सहीफे ) में परिवर्तन जारी रहा । तत्पश्चात आखरी बी मोहम्मद स ० पर अंतिम पुस्तक कुरान शरीफ ( जो कि प्रतय तक विद्यमान रहने वाली ) को मानव की भलाई के लिए भेजना ( अवतरित करना ) पड़ा । यही एक मात्र पुस्तक शेष है जो अभी तक ( अर्थात 1429 साल बाद ) कोई भी कांट छांट करने का साहस न कर सका क्योंकि इस पवित्र पुस्तक की जिम्मेदारी खुद अल्लाह तआला ( ईश्वर ) ने ली है । कुरान ( करीम ) को परिचित कराने के लिए पुस्तकें हिन्दी में बहुत कम व अच्छी नहीं मिलेंगी इसलिए अल्लाह ताअला के फजलो करम से पुस्तक को लिखने का बीड़ा उठाया।

Ratings and reviews

4.3
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MD Aatif Husain
26 November 2022
nice
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MOHD DANISH
31 August 2023
Ya allah meri mohabbat mujhe wapas mil jaye
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MUHAMMAD SHAHRUKH
28 September 2023
🪄 holly books📚
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About the author

मेरा नाम अब्दुल वहीद है मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है । मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है । जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए - नए खोजो को जानकारी में प्रयुक्त रहा है । मैं BSc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था , लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था । मेरे पिता जी की दो बातें जो , मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल है प्रथम - इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो , दूसरा अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो । इसलिए घर की जिम्मेदारी , फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरूर अवगत कराये । धन्यवाद ।

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