दुःख

Abdul Waheed
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39
หน้า

เกี่ยวกับ eBook เล่มนี้

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कोई न कोई दुख जरूर होता है चाहे वह छुपाए या बताए, इसी की चर्चा के लिए यह पुस्तक आपके सामने प्रस्तुत है दुख के बारे में सबसे अधिक बौद्ध धर्म के अंदर चर्चा है इसीलिए अधिकांश विषय बौद्ध धर्म से ही लिया गया है और यह एक व्यक्तिगत मामला है, दुख का कारण और निवारण के लिए यह पुस्तक है, कृपया इसे पढ़ कर बताएं कि दुख क्या है? व अपने सुझाव जरूर दें, धन्यवाद

यह पुस्तक पेपरबैक वर्जन में भी उपलब्ध है।

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เกี่ยวกับผู้แต่ง

अपना व्यक्तिगत परिचय-- मेरा नाम अब्दुल वहीद है मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है । मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है । जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए - नए खोजो को जानकारी में प्रयुक्त रहा है । मैं BSc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था , लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था । मेरे पिता जी की दो बातें जो , मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल है प्रथम - इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो , दूसरा अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो । इसलिए घर की जिम्मेदारी , फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरूर अवगत कराये । धन्यवाद ।

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