यह पुस्तक धन और मनोवैज्ञानिक तत्वों के बीच गहरा संबंध जोड़ती है। इसमें धन के प्राप्ति, व्यय, और उपयोग के पीछे छिपे मनोवैज्ञानिक प्रेरणाधारक तत्वों का विश्लेषण किया गया है। यह पुस्तक धन के आधारिक और सांस्कृतिक प्रतिक्रियाओं को समझने में मदद करती है और आगे बढ़ते समय में वित्तीय कल्याण के प्रति समर्पित रणनीतियों पर विचार करती है।