प्रेमचन्द की कहानियाँ - 26 (Hindi Sahitya): Premchand Ki Kahaniya - 26 (Hindi Stories)

· Bhartiya Sahitya Inc.
5.0
2 അവലോകനങ്ങൾ
ഇ-ബുക്ക്
108
പേജുകൾ
യോഗ്യതയുണ്ട്

ഈ ഇ-ബുക്കിനെക്കുറിച്ച്

मुंशी प्रेमचन्द एक व्यक्ति तो थे ही, एक समाज भी थे, एक देश भी थे। व्यक्ति समाज और देश तीनों उनके हृदय में थे। उन्होंने बड़ी गहराई के साथ तीनों की समस्याओं का अध्ययन किया था। प्रेमचन्द हर व्यक्ति की, पूरे समाज की और देश की समस्याओं को सुलझाना चाहते थे, पर हिंसा से नहीं, विद्रोह से नहीं, अशक्ति से नहीं और अनेकता से भी नहीं। वे समस्या को सुलझाना चाहते थे प्रेम से, अहिंसा से, शान्ति से, सौहार्द से, एकता से और बन्धुता से। प्रेमचन्द आदर्श का झण्डा हाथ में लेकर प्रेम एकता, बन्धुता, सौहार्द और अहिंसा के प्रचार में जीवन पर्यन्त लगे रहे। उनकी रचनाओं में उनकी ये ही विशेषतायें तो है। प्रेमचन्द जनता के कथाकार थे उनकी कृतियों में समाज के सुख-दुःख, आशा-आकाँक्षा, उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे हृदयों को झकझोरते हैं। वे भारत के प्रमुख कथाकार थे, जिनको पढ़े बिना भारत को समझना संभव नहीं। भारतीय साहित्य संग्रह ने उनकी 322 कहानियों को इस ‘प्रेमचन्द की कहानियां’ श्रृंखला के 46 भागों में सुधी पाठकों पाठकों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। - प्रकाशक

റേറ്റിംഗുകളും റിവ്യൂകളും

5.0
2 റിവ്യൂകൾ

രചയിതാവിനെ കുറിച്ച്

प्रेमचंद

(31 जुलाई, 1880 - 8 अक्टूबर 1936)

हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव वाले प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में की तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं।

ഈ ഇ-ബുക്ക് റേറ്റ് ചെയ്യുക

നിങ്ങളുടെ അഭിപ്രായം ഞങ്ങളെ അറിയിക്കുക.

വായനാ വിവരങ്ങൾ

സ്‌മാർട്ട്ഫോണുകളും ടാബ്‌ലെറ്റുകളും
Android, iPad/iPhone എന്നിവയ്ക്കായി Google Play ബുക്‌സ് ആപ്പ് ഇൻസ്‌റ്റാൾ ചെയ്യുക. ഇത് നിങ്ങളുടെ അക്കൗണ്ടുമായി സ്വയമേവ സമന്വയിപ്പിക്കപ്പെടുകയും, എവിടെ ആയിരുന്നാലും ഓൺലൈനിൽ അല്ലെങ്കിൽ ഓഫ്‌ലൈനിൽ വായിക്കാൻ നിങ്ങളെ അനുവദിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു.
ലാപ്ടോപ്പുകളും കമ്പ്യൂട്ടറുകളും
Google Play-യിൽ നിന്ന് വാങ്ങിയിട്ടുള്ള ഓഡിയോ ബുക്കുകൾ കമ്പ്യൂട്ടറിന്‍റെ വെബ് ബ്രൗസർ ഉപയോഗിച്ചുകൊണ്ട് വായിക്കാവുന്നതാണ്.
ഇ-റീഡറുകളും മറ്റ് ഉപകരണങ്ങളും
Kobo ഇ-റീഡറുകൾ പോലുള്ള ഇ-ഇങ്ക് ഉപകരണങ്ങളിൽ വായിക്കാൻ ഒരു ഫയൽ ഡൗൺലോഡ് ചെയ്ത് അത് നിങ്ങളുടെ ഉപകരണത്തിലേക്ക് കൈമാറേണ്ടതുണ്ട്. പിന്തുണയുള്ള ഇ-റീഡറുകളിലേക്ക് ഫയലുകൾ കൈമാറാൻ, സഹായ കേന്ദ്രത്തിലുള്ള വിശദമായ നിർദ്ദേശങ്ങൾ ഫോളോ ചെയ്യുക.