प्रेम चतुर्थी (Hindi Sahitya): Prem Chaturthi (Hindi Stories)

· Bhartiya Sahitya Inc.
1.0
1 ವಿಮರ್ಶೆ
ಇ-ಪುಸ್ತಕ
86
ಪುಟಗಳು
ಅರ್ಹವಾಗಿದೆ

ಈ ಇ-ಪುಸ್ತಕದ ಕುರಿತು

 प्रेमचंद की चार चुनिंदा कहानियों का संग्रह... लखनऊ नेशनल बैंक के दफ्तर में लाला साईंदास आरामकुर्सी पर लेटे हुए शेयरों का भाव देख रहे थे और सोच रहे थे कि इस बार हिस्सेदारों को मुनाफ़ा कहाँ से दिया जायगा? चाय, कोयला या जूट के हिस्से खरीदने, चाँदी, सोने या रुई का सट्टा करने का इरादा करते, लेकिन नुकसान के भय से कुछ तय न कर पाते थे। नाज के व्यापार में इस ओर बड़ा घाटा रहा, हिस्सेदारों के ढाढ़स के लिए हानि-लाभ का कल्पित ब्यौरा दिखाना पड़ा और नफा पूँजी से देना पड़ा। इससे फिर नाज के व्यापार में हाथ डालते जी काँपता था। पर रुपये को बेकार पड़ा रखना असम्भव था। दो-एक दिन में उसे कहीं-न-कहीं लगाने का उचित उपाय करना जरूरी था, क्योंकि डाइरेक्टरों की तिमाही बैठक एक ही सप्ताह में होनेवाली थी, यदि उस समय तक कोई निश्चय न हुआ, तो आगे तीन महीनों तक फिर कुछ न हो सकेगा और छमाही मुनाफे के बँटवारे के समय फिर वही फरजी कार्रवाई करनी पड़ेगी, जिसको बार-बार सहन करना बैंक के लिए कठिन था

ರೇಟಿಂಗ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಅಭಿಪ್ರಾಯಗಳು

1.0
1 ವಿಮರ್ಶೆ

ಲೇಖಕರ ಕುರಿತು

प्रेमचंद

(31 जुलाई, 1880 - 8 अक्टूबर 1936)

हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव वाले प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में की तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं।

ಈ ಇ-ಪುಸ್ತಕಕ್ಕೆ ರೇಟಿಂಗ್ ನೀಡಿ

ನಿಮ್ಮ ಅಭಿಪ್ರಾಯವೇನು ಎಂದು ನಮಗೆ ತಿಳಿಸಿ.

ಮಾಹಿತಿ ಓದುವಿಕೆ

ಸ್ಮಾರ್ಟ್‌ಫೋನ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಟ್ಯಾಬ್ಲೆಟ್‌‌ಗಳು
Android ಮತ್ತು iPad/iPhone ಗೆ Google Play ಪುಸ್ತಕಗಳ ಅಪ್ಲಿಕೇಶನ್‌ ಇನ್‌ಸ್ಟಾಲ್ ಮಾಡಿ. ಇದು ನಿಮ್ಮ ಖಾತೆಯನ್ನು ಸ್ವಯಂಚಾಲಿತವಾಗಿ ಸಿಂಕ್‌ ಮಾಡುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ನೀವು ಎಲ್ಲೇ ಇರಿ ಆನ್‌ಲೈನ್‌ ಅಥವಾ ಆಫ್‌ಲೈನ್‌ನಲ್ಲಿ ಪುಸ್ತಕಗಳನ್ನು ಓದಲು ಅನುಮತಿಸುತ್ತದೆ.
ಲ್ಯಾಪ್‌ಟಾಪ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಕಂಪ್ಯೂಟರ್‌ಗಳು
Google Play ನಲ್ಲಿ ಖರೀದಿಸಿದ ಆಡಿಯೋಬುಕ್‌ಗಳನ್ನು ನಿಮ್ಮ ವೆಬ್‌ ಬ್ರೌಸರ್‌ನ ಕಂಪ್ಯೂಟರ್‌ನ ಲ್ಲಿ ಆಲಿಸಬಹುದು.
eReaders ಮತ್ತು ಇತರ ಸಾಧನಗಳು
Kobo ಇ-ರೀಡರ್‌ಗಳಂತಹ ಇ-ಇಂಕ್ ಸಾಧನಗಳ ಕುರಿತು ಓದಲು, ನೀವು ಫೈಲ್ ಅನ್ನು ಡೌನ್‌ಲೋಡ್ ಮಾಡಬೇಕಾಗುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಅದನ್ನು ನಿಮ್ಮ ಸಾಧನಕ್ಕೆ ವರ್ಗಾಯಿಸಬೇಕು. ಫೈಲ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಬೆಂಬಲಿತ ಇ-ರೀಡರ್‌ಗಳನ್ನು ವರ್ಗಾವಣೆ ಮಾಡಲು ವಿವರವಾದ ಸಹಾಯ ಕೇಂದ್ರ ಸೂಚನೆಗಳನ್ನು ಅನುಸರಿಸಿ.