प्रेम प्रसून : काव्य संग्रह (Hindi Sahitya): Prem Prasun : Hindi Poetry

· Bhartiya Sahitya Inc.
5.0
1 opinión
Libro electrónico
160
Páginas
Apto

Acerca de este libro electrónico

समर्पण


साहित्य, संगीत, कला विहीना,

साक्षात पशुः पुच्छ विषाण हीना।


उक्त लोकोक्ति को पढ़कर व मनन कर ह्रदय उद्वेलित हो उठा और उक्त तीनों गुणों से लगभग शून्य होते हुए भी मन ने तुकबन्दी के प्राकृतिक वरदान से कुछ करने की ठानी। कक्षा दस तक तो मैं लोकोक्ति की अंतिम कड़ी में था किन्तु कक्षा ग्यारह में श्री ओमर वैश्य विद्यालय कानपुर में परम पूज्य चिर स्मरणीय हर विधा में परम प्रवीण स्व. आचार्य गोरे लाल जी त्रिपाठी के सानिध्य ने ज्योति जगाई और वहाँ छपने वाली वार्षिक पत्रिका में कृषक पुत्र होने के नाते कृषक संवेदना पर तीन छन्द लिखे और छपे तथा प्रशंसित हुए। फिर क्या था बल मिला और चल पड़ी लेखनी।

माता-पिता की तपस्या व त्याग एवं माता-पिता तुल्य चाची(मौसी)-चाचा के अविस्मरणीय सहयोग तथा बहन व बहनोई के कुशल संरक्षण के बल पर दो विषयों (वाणिज्य व अर्थशास्त्र) से परास्नातक करने में सफल हुआ।

जहाँ तक काव्य रचना की बात है वह चल पड़ी तो चल पड़ी और रचनाओं को मंच प्रदान करने में आयु में अनुज किन्तु साहित्य, संगीत व कला में पूर्ण प्रवीण चि. डॉ.जगदीश नारायण त्रिपाठी 'सुमन' का सहयोग रहा। अन्यत्र भी कई मंचों पर रचनाएँ सुनाने का सुअवसर मिला।

साहित्य में पारंगत न होने के कारण काव्य रचनाओं में वह ओज भले न हो किन्तु भावों को उजागर करने का भरसक प्रयास किया है। इसी आशा से स्वजनों के आग्रहवश रचना संग्रह को पुस्तक का रूप देने का प्रयास किया है। आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि पाठकगण व साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर इन्हें बच्चों की तोतली वाणी मान मेरा उत्साह बढ़ाने की कृपा करेंगे। इति।


आप सबका अपना

प्रेम नारायण तिवारी 'प्रेम'


Calificaciones y opiniones

5.0
1 opinión

Acerca del autor

जन्म : 04 अगस्त 1935

स्वर्गवास : 01 अक्टूबर 2021

माता : स्व.इन्द्राणी देवी

पिता : स्व. शिव नाथ तिवारी

पत्नी : स्व.कृष्णा देवी तिवारी

माता-पिता तुल्य :

स्व.रानी देवी व स्व. कल्लूराम तिवारी

संरक्षक :

स्व. शुद्धी देवी व प.पू.श्री शम्भू रतन त्रिवेदी

(बहन व बहनोई)

निवास :

ग्राम-पोस्ट- जामूँ, जनपद- कानपुर नगर

शिक्षा :

परास्नातक वाणिज्य व अर्थशास्त्र

जीवन यापन :

भारत में तब तृतीय स्थान प्राप्त जे.के. प्रतिष्ठान में सेवा-लिपिक से प्रबंधक तक।

रचना संग्रह :

‘प्रेम’ प्रसून

गुलदस्ता

शुभचिंतक :

परिजन, पुरजन एवं मित्रगण

सम्पर्क :

7071377107

Califica este libro electrónico

Cuéntanos lo que piensas.

Información de lectura

Smartphones y tablets
Instala la app de Google Play Libros para Android y iPad/iPhone. Como se sincroniza de manera automática con tu cuenta, te permite leer en línea o sin conexión en cualquier lugar.
Laptops y computadoras
Para escuchar audiolibros adquiridos en Google Play, usa el navegador web de tu computadora.
Lectores electrónicos y otros dispositivos
Para leer en dispositivos de tinta electrónica, como los lectores de libros electrónicos Kobo, deberás descargar un archivo y transferirlo a tu dispositivo. Sigue las instrucciones detalladas que aparecen en el Centro de ayuda para transferir los archivos a lectores de libros electrónicos compatibles.