बाल संस्कार (हिंदी): Bal Sanskar (Hindi)

Sant Shri Asharamji Ashram
4.1
39 ግምገማዎች
ኢ-መጽሐፍ
64
ገጾች

ስለዚህ ኢ-መጽሐፍ

मनुष्य के भावी जीवन का आधार उसके बाल्यकाल के संस्कार एवं चारित्र्यनिर्माण पर निर्भर करता है। बालक आगे चलकर नेता जी सुभाषचन्द्र बोस जैसे वीरों, एकनाथजी जैसे संत-महापुरूषों एवं श्रवण कुमार जैसे मातृ-पितृभक्तों के जीवन का अनुसरण करके सर्वांगीण उन्नति कर सकें इस हेतु बालकों में उत्तम संस्कार का सिंचन बहुत आवश्यक है। बचपन में देखे हुए हरिश्चन्द्र नाटक की महात्मा गाँधी के चित्त पर बहुत अच्छी असर पड़ी, यह दुनिया जानती है।


हँसते-खेलते बालकों में शुभ संस्कारों का सिंचन किया जा सकता है। नन्हा बालक कोमल पौधे की तरह होता है, उसे जिस ओर मोड़ना चाहें, मोड़ सकते हैं। बच्चों में अगर बचपन से ही शुभ संस्कारों का सिंचन किया जाए तो आगे चलकर वे बालक विशाल वटवृक्ष के समान विकसित होकर भारतीय संस्कृति के गौरव की रक्षा करने में समर्थ हो सकते हैं।


विद्यार्थी भारत का भविष्य, विश्व का गौरव एवं अपने माता-पिता की शान है। उसके अंदर सामर्थ्य का असीम भंडार छुपा हुआ है। उसे प्रगट करने हेतु आवश्यक है सुसंस्कारों का सिंचन, उत्तम चारित्र्य-निर्माण और भारतीय संस्कृति के गौरव का परिचय। पूज्यपाद संत श्री आसारामजी महाराज द्वारा समय-समय पर इन्हीं विषयों पर प्रकाश डाला गया है। उन्हीं के आधार पर सरल, सुबौध शैली में बालापयोगी सामग्री का संकलन करके बाल संस्कार नाम दिया गया है। यह पुस्तक प्रत्येक माता-पिता एवं बालकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसी आशा है।मनुष्य के भावी जीवन का आधार उसके बाल्यकाल के संस्कार एवं चारित्र्यनिर्माण पर निर्भर करता है। बालक आगे चलकर नेता जी सुभाषचन्द्र बोस जैसे वीरों, एकनाथजी जैसे संत-महापुरूषों एवं श्रवण कुमार जैसे मातृ-पितृभक्तों के जीवन का अनुसरण करके सर्वांगीण उन्नति कर सकें इस हेतु बालकों में उत्तम संस्कार का सिंचन बहुत आवश्यक है। बचपन में देखे हुए हरिश्चन्द्र नाटक की महात्मा गाँधी के चित्त पर बहुत अच्छी असर पड़ी, यह दुनिया जानती है।


हँसते-खेलते बालकों में शुभ संस्कारों का सिंचन किया जा सकता है। नन्हा बालक कोमल पौधे की तरह होता है, उसे जिस ओर मोड़ना चाहें, मोड़ सकते हैं। बच्चों में अगर बचपन से ही शुभ संस्कारों का सिंचन किया जाए तो आगे चलकर वे बालक विशाल वटवृक्ष के समान विकसित होकर भारतीय संस्कृति के गौरव की रक्षा करने में समर्थ हो सकते हैं।


विद्यार्थी भारत का भविष्य, विश्व का गौरव एवं अपने माता-पिता की शान है। उसके अंदर सामर्थ्य का असीम भंडार छुपा हुआ है। उसे प्रगट करने हेतु आवश्यक है सुसंस्कारों का सिंचन, उत्तम चारित्र्य-निर्माण और भारतीय संस्कृति के गौरव का परिचय। पूज्यपाद संत श्री आसारामजी महाराज द्वारा समय-समय पर इन्हीं विषयों पर प्रकाश डाला गया है। उन्हीं के आधार पर सरल, सुबौध शैली में बालापयोगी सामग्री का संकलन करके बाल संस्कार नाम दिया गया है। यह पुस्तक प्रत्येक माता-पिता एवं बालकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसी आशा है।

ደረጃዎች እና ግምገማዎች

4.1
39 ግምገማዎች

ስለደራሲው

For the last 50 years the effulgent spiritual wealth of India, Sant Sri Asharam Ji Bapu has been traveling across the length and breadth of India imparting spiritual knowledge to awaken the masses.


Asharam BapuJi's life is a source of inspiration to millions. The number of Asharam Bapuji's disciples is in millions across national and international boundaries.

ለዚህ ኢ-መጽሐፍ ደረጃ ይስጡ

ምን እንደሚያስቡ ይንገሩን።

የንባብ መረጃ

ዘመናዊ ስልኮች እና ጡባዊዎች
የGoogle Play መጽሐፍት መተግበሪያውንAndroid እና iPad/iPhone ያውርዱ። ከእርስዎ መለያ ጋር በራስሰር ይመሳሰላል እና ባሉበት የትም ቦታ በመስመር ላይ እና ከመስመር ውጭ እንዲያነቡ ያስችልዎታል።
ላፕቶፖች እና ኮምፒውተሮች
የኮምፒውተርዎን ድር አሳሽ ተጠቅመው በGoogle Play ላይ የተገዙ ኦዲዮ መጽሐፍትን ማዳመጥ ይችላሉ።
ኢሪደሮች እና ሌሎች መሳሪያዎች
እንደ Kobo ኢ-አንባቢዎች ባሉ ኢ-ቀለም መሣሪያዎች ላይ ለማንበብ ፋይል አውርደው ወደ መሣሪያዎ ማስተላለፍ ይኖርብዎታል። ፋይሎቹን ወደሚደገፉ ኢ-አንባቢዎች ለማስተላለፍ ዝርዝር የእገዛ ማዕከል መመሪያዎቹን ይከተሉ።