बॉस की तरह बनें

· Dr. Lalit Mohan Gupta
4,0
3 водгукі
Электронная кніга
114
Старонкі

Пра гэту электронную кнігу

बॉस की तरह बनें 

डॉ. ललित मोहन गुप्ता


आलोचना कई बार लोगों को जीवन में बहुत पीछे कर देती है,आपका जीवन में ऊपर या नीचे होना इस बात पर निर्भर करता है कि, आलोचना को आप कैसे संभालते है।


आलोचक की बातें ध्यान से सुने उनकी बातें कड़वी जरुरी होती है, परन्तु उसमे से भी अच्छाई निकाल लेना आपको जीवन में आगे बढ़ा देता है।


आलोचक आपके दुश्मन नहीं बल्कि ये वो लोग है, जिन्हे अपने संभालना सीख लिया, तो ये लोग ही आपको जीवन में आपका सर्वश्रेष्ठ हासिल करने में मदद करेंगे।

बॉस की तरह बनकर जीना हर व्यक्ति चाहता है, चाहे कोई भी व्यक्ति हो यदि वह किसी के लिए कार्य करता है तब वह अक्सर यह सोचता है की काश वह उस कंपनी का बॉस होता। यह सोच होना एक सामान्य बात है, लेकिन हर व्यक्ति नहीं बन पाता है वजह होती है, बॉस की तरह चरित्र की कमी।   

जिस दिन आप यह समझ जाते है की ये आलोचक ही आपके जीवन में आपको आगे ले जाने में मदद करेंगे उस दिन से आप आलोचकों को देखने का नजरिया बदल देंगे। कई आलोचनाओं को सहने के बाद आप निखार जाते है, परन्तु कई लोग ऐसे होते है जो इन आलोचकों से उलझकर अपना जीवन अस्त-व्यस्त कर लेते है।  जीवन में लोगो के सामने कई परेशानियां आती है, परेशानियां का आना स्वाभाविक है। जीवन बिना परेशानियों के असंभव है, इंसान का जन्म भी कई कठिनाईयों के बाद ही होता है । 

समस्याएं आये तो जीवन में कई लोग थक हार कर बैठ जाते है, परन्तु जीवन रुकने के लिए नहीं बना है। जीवन में समय किसी के लिए नहीं रुकता, यदि किसी अपने की मृत्यु भी हो जाये तब भी यह नहीं रुकता। जीवन के दोनों पहलु है सकारात्मक भी और नकारात्मक भी, सकारात्मक व्यक्ति इसे हर स्थिति में सकारात्मक रूप में देखते है, वहीं जो लोग नकारात्मक होते है वे हर स्थिति में नकारात्मकता ढूंढ ही लेते है।  

मानव जीवन का मिलना किसी सौभाग्य से काम नही है, इस जीवन को भरपूर जिया जाये और इसका दूसरों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाना जरुरी होता है। 

जीवन की सार्थकता निरंतर चलते रहने में है, कठिनाई तो आते ही रहती है, मायूस होकर रुक जाना या फिर असफलता मिलने पर हारकर बैठ जाना इस आदत को बदला जा सकता है। जब हम जीवन को समझते है तब हम इसकी सार्थकता को भी समझ पाते है। 


Ацэнкі і агляды

4,0
3 водгукі

Звесткі пра аўтара

Dr. Lalit Mohan Gupta teaches in his seminar the art of living, and how to achieve success. Dr. Lalit Mohan Gupta has been the principal of the school, where he developed many qualities to conduct management. Dr. Lalit Mohan Gupta, who has achieved success in many areas of life while consolidating the art of public behavior, has shared the mantra of living with the people through his book 'Mantra of Life and Management'. Dynamic memory guru Dr Lalit Mohan Gupta has also got his name registered in 'India Book of Records'. How to make maximum use of memory can be understood by reading his book.

Mr. Gupta is a well-known motivational speaker who teaches students and employees the art of living life through their words. Kalaripayattu is also called the father of all martial arts. Dr. Gupta has mastered Kalaripayattu from Bangalore. He believes that Kalaripayattu is not only a great martial art, but at the same time it teaches the art of living.

Ацаніце гэту электронную кнігу

Падзяліцеся сваімі меркаваннямі.

Чытанне інфармацыb

Смартфоны і планшэты
Усталюйце праграму "Кнігі Google Play" для Android і iPad/iPhone. Яна аўтаматычна сінхранізуецца з вашым уліковым запісам і дазваляе чытаць у інтэрнэце або па-за сеткай, дзе б вы ні былі.
Ноўтбукі і камп'ютары
У вэб-браўзеры камп'ютара можна слухаць аўдыякнігі, купленыя ў Google Play.
Электронныя кнiгi i iншыя прылады
Каб чытаць на такіх прыладах для электронных кніг, як, напрыклад, Kobo, трэба спампаваць файл і перанесці яго на сваю прыладу. Выканайце падрабязныя інструкцыі, прыведзеныя ў Даведачным цэнтры, каб перанесці файлы на прылады, якія падтрымліваюцца.