मन्दिर बने धर्मशिक्षण एवं सेवाकेन्द्र / Mandir Bane Dharmashikshan Evam Sevakendra

· Ramakrishna Math, Nagpur
৪.৯
১০টি রিভিউ
ই-বুক
28
পৃষ্ঠা

এই ই-বুকের বিষয়ে

जीवन में हर व्यक्ति अपने अनुभव के क्षितिज को विस्तृत करते हुए आत्मविकास के पथ पर आगे बढ़ता है। प्रारंभ में मूर्तियाँ, प्रतीक, विधि-नियमबद्ध पूजाविधान की आवश्यकता स्वाभाविक है। इस दिशा में शांति प्राप्ति के लिए व्याकुल जीवियों के हृदय की तीव्र इच्चा की पूर्ति समर्पक रीति से मंदिर कर ही रहे हैं। किंतु अतिसंकीर्ण होने से आधुनिक समाज ने अनेक चुनौतियाँ खडी की हैं। आज हमें चिंतन करना है कि अपने साथ ही जीवन में जूझते रहने वाले गरीबों एवं सामाजिक दृष्टि से पिछडे हुए लोगों की समस्याओं के प्रति हमारे मंदिरों की सहभागिता क्या होनी चाहिए। हज़ारों वर्षों से मौन रहकर हर प्रकार की पीडा सहते हुए, अपने परिश्रम से देश का सिर ऊँचा रखनेवाले मंदिरों के निर्माण के लिए कारणीभूत, सामाजिक दृष्टि ो पिछडे हुए लोगों के प्रति स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि ‘ऐसे लोगों के लिए सरकार आर्थिक सुविधाएँ प्राप्त कराने का प्रयत्न कर सकती है। किंतू सामाजिक दृष्टि से पिछडे हुए लोगों का वास्तविक भाग्योदय तब होगा जब वे अपनी अस्मिता पुन: प्राप्त कर सकेंगे (When they regain their lost individuality) स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि ‘उन लोगों को इस देश के भव्य सनातन धर्म के बारे संस्कृति शिक्षण प्रदान कर समाज के धार्मिक जीवन में समाहित कर लेने से वे अपना आत्मसम्मान पुन: प्राप्त कर सकेंगे।’ इस दिशा में हमारे मंदिरों को सक्रिय भाग लेने की आवश्यकता है।

রেটিং ও পর্যালোচনাগুলি

৪.৯
১০টি রিভিউ

ই-বুকে রেটিং দিন

আপনার মতামত জানান।

পঠন তথ্য

স্মার্টফোন এবং ট্যাবলেট
Android এবং iPad/iPhone এর জন্য Google Play বই অ্যাপ ইনস্টল করুন। এটি আপনার অ্যাকাউন্টের সাথে অটোমেটিক সিঙ্ক হয় ও আপনি অনলাইন বা অফলাইন যাই থাকুন না কেন আপনাকে পড়তে দেয়।
ল্যাপটপ ও কম্পিউটার
Google Play থেকে কেনা অডিওবুক আপনি কম্পিউটারের ওয়েব ব্রাউজারে শুনতে পারেন।
eReader এবং অন্যান্য ডিভাইস
Kobo eReaders-এর মতো e-ink ডিভাইসে পড়তে, আপনাকে একটি ফাইল ডাউনলোড ও আপনার ডিভাইসে ট্রান্সফার করতে হবে। ব্যবহারকারীর উদ্দেশ্যে তৈরি সহায়তা কেন্দ্রতে দেওয়া নির্দেশাবলী অনুসরণ করে যেসব eReader-এ ফাইল পড়া যাবে সেখানে ট্রান্সফার করুন।