पंजाब.पाँच पावन नदियों के किनारे बसा भारत का सबसे समृद्ध प्रांत। वह प्रांत, जहाँ की उपजाऊ भूमि विभिन्न प्रकार के अन्नों को पैदा कर भारतवर्ष के अधिकांश निवासियों का भरण-पोषण करती है। हरी-भरी लहराती फसलों से युक्त खेत; कल-कल बहती नदियों का मीठा पानी; रंग-बिरंगे धोती-कुरते के साथ तुर्रे वाली पगड़ी की पारंपरिक वेशभूषा पहने लंबे-चौड़े बलिष्ठ युवक; चुनरी की ओट से लजातीं-शरमातीं युवतियाँ; प्रेम, संतोष, धैर्य, संयम, त्याग, स्वाभिमान एवं समृद्धि का संदेश देती हुई पंजाबी सभ्यता और संस्कृति.यद्यपि इन बातों से पंजाब का वास्तविक स्वरूप प्रकट होता है, परंतु पंजाब की पहचान केवल इन्हीं गिनी-चुनी वस्तुओं तक सीमित नहीं है। इसकी पहचान में उन वीरों का अगाध शौर्य भी सम्मिलित है, जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए हजारों वर्षों से प्रयत्नशील रहे हैं। इसकी मिट्टी से आनेवाली सोंधी-सोंधी खुशबू में उन देशभक्तों के खून की खुशबू भी मिली हुई है, जिन्होंने देश पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।