मैं न मानूँ (Hindi Sahitya): Main Naa Manu (Hindi Novel)

·
· Bhartiya Sahitya Inc.
4.5
2 ግምገማዎች
ኢ-መጽሐፍ
147
ገጾች
ብቁ

ስለዚህ ኢ-መጽሐፍ

अभिमानी का सिर नीचा होता है, परन्तु इस संसार में ऐसे लोग भी हैं जो सिर नीचा होने पर भी, उसको नीचा नहीं मानते। ऐसे लोगों के लिए ही कहावत बनी है–‘रस्सी जल गई, पर बल नहीं टूटे’। इसका कारण मनुष्य की आद्योपांत विवेक-शून्यता है। विवेक अपने चारों ओर घटने वाली घटनाओं के ठीक मूल्यांकन का नाम है। मन के विकार हैं–काम, क्रोध, लोभ, मोह तथा अहंकार। जब इन विकारों के कारण बुद्धि मलिन हो जाती है तो वह ठीक को गलत और गलत को ठीक समझने लगती है। इसको विवेक-शून्यता कहते हैं। मन के विकारों में अहंकार सबसे अन्तिम और सबसे अधिक बुद्धि भ्रष्ट करने वाला है। अहंकारवश मनुष्य ठोकर खाकर गिर पड़ता है, बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। बुद्धि भ्रष्ट हो जाने से वह नहीं मानता कि वह गिर पड़ा है अथवा उसका अभिमान व्यर्थ था। वह अपनी भूल स्वीकार नहीं करता और अन्त तक कहता रहता है–मैं न मानूँ, मैं न मानूँ।

ደረጃዎች እና ግምገማዎች

4.5
2 ግምገማዎች

ስለደራሲው

 गुरुदत्त

(8 दिसम्बर 1894 - 8 अप्रैल 1989 )

शिक्षा :- एम.एस-सी.।

लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे श्री गुरुदत्त हिन्दी साहित्य के एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं। वह उपन्यास-जगत् के बेताज बादशाह थे। अपनी अनूठी साधना के बल पर उन्होंने लगभग दो सौ से अधिक उपन्यासों की रचना की और भारतीय संस्कृति का सरल एवं बोधगम्य भाषा में विवेचन किया। साहित्य के माध्यम से वेद-ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का उनका प्रयास निस्सन्देह सराहनीय रहा है।

श्री गुरुदत्त के साहित्य को पढ़कर भारत की कोटि-कोटि जनता ने सम्मान का जीवन जीना सीखा है।

उनके सभी उपन्यासों के कथानक अत्यन्त रोचक, भाषा, अत्यन्त सरल और उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं, अपितु जन-शिक्षा भी है। राष्ट्रसंघ के साहित्य-संस्कृति संगठन ‘यूनेस्को’ के अनुसार श्री गुरुदत्त हिन्दी भाषा के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखक थे।

उपन्यास :- गुण्ठन, चंचरीक, आशा निराशा, सम्भवामि युगे युगे-भाग-1, सम्भवामि युगे युगे भाग-2, अवतरण, कामना, अपने पराये, आकाश-पाताल, अनदेखे बन्धन, घर की बात, आवरण, जीवन ज्वार, महाकाल, यह संसार, वाम मार्ग, दो भद्र पुरुष, बनवासी, प्रारब्ध और पुरुषार्थ, विश्वास, माया जाल, पड़ोसी, नास्तिक, प्रगतिशील, सभ्यता की ओर, मेघ वाहन, भगवान भरोसे, ममता, लुढ़कते पत्थर, लालसा, दिग्विजय, धर्मवीर हकीकत राय, दासता के नये रूप, स्वराज्य दान, नगर परिमोहन, भूल, स्वाधीनता के पथ पर, विश्वासघात, देश की हत्या, पत्रलता, भारतवर्ष का संक्षिप्त इतिहास, पथिक, प्रवंचना, पाणिग्रहण, परित्राणाय साधूनाम, गृह-संसद, सब एक रंग, विक्रमादित्य साहसांक, गंगा की धारा, सदा वत्सले मातृभूमे, पंकज, सागर-तरंग, भाव और भावना, दो लहरों की टक्कर-भाग 1, दो लहरों की टक्कर-भाग 2, सफलता के चरण, मैं हिन्दू हूँ, मैं न मानूँ, स्व-अस्तित्व की रक्षा, प्रतिशोध, भाग्य का सम्बल, बन्धन शादी का, वीर पूजा, वर्तमान दुर्व्यवस्था का समाधान हिन्दू राष्ट्र, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अन्तिम यात्रा, सुमति, युद्ध और शान्ति-भाग-1, युद्ध और शान्ति-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-1, जमाना बदल गया-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-3, जमाना बदल गया भाग-4, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-1, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-2, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-3, प्रेयसी, परम्परा, धरती और धन, हिन्दुत्व की यात्रा, अस्ताचल की ओर भाग-1, अस्ताचल की ओर-भाग-2, अस्ताचल की ओर-भाग-3, भाग्य चक्र, द्वितीय विश्वयुद्ध, भैरवी चक्र, भारत में राष्ट्र, बुद्धि बनाम बहुमत, धर्म तथा समाजवाद, विकार, अग्नि परीक्षा, जगत की रचना, अमृत मन्थन, जिन्दगी, श्रीराम।

ለዚህ ኢ-መጽሐፍ ደረጃ ይስጡ

ምን እንደሚያስቡ ይንገሩን።

የንባብ መረጃ

ዘመናዊ ስልኮች እና ጡባዊዎች
የGoogle Play መጽሐፍት መተግበሪያውንAndroid እና iPad/iPhone ያውርዱ። ከእርስዎ መለያ ጋር በራስሰር ይመሳሰላል እና ባሉበት የትም ቦታ በመስመር ላይ እና ከመስመር ውጭ እንዲያነቡ ያስችልዎታል።
ላፕቶፖች እና ኮምፒውተሮች
የኮምፒውተርዎን ድር አሳሽ ተጠቅመው በGoogle Play ላይ የተገዙ ኦዲዮ መጽሐፍትን ማዳመጥ ይችላሉ።
ኢሪደሮች እና ሌሎች መሳሪያዎች
እንደ Kobo ኢ-አንባቢዎች ባሉ ኢ-ቀለም መሣሪያዎች ላይ ለማንበብ ፋይል አውርደው ወደ መሣሪያዎ ማስተላለፍ ይኖርብዎታል። ፋይሎቹን ወደሚደገፉ ኢ-አንባቢዎች ለማስተላለፍ ዝርዝር የእገዛ ማዕከል መመሪያዎቹን ይከተሉ።