मेरा जीवन तथा ध्येय (Hindi Sahitya): Mera Jivan Tatha Dhyeya (Hindi Self-help)

4.2
53 Rezensionen
E-Book
28
Seiten
Zulässig

Über dieses E-Book

मेरा जीवन तथा ध्येय नामक यह भाषण स्वामी विवेका नन्द ने 27 जनवरी 1900 ई0 में पासाडेना, कैलीफोर्निया के शेक्सपियर क्लब में दिया था। इसमें दुःखी मानवों की वेदना से विह्वल उस महात्मा का बोलता हुआ चित्र है। इसमें प्रस्तुत है उसका उपचार जिसके आधार पर वे मातृभूमि को पुनः अतीत यश पर ले जाना चाहते थे। यही एक मात्र ऐसा अवसर था, जब उन्होंने जनता के समक्ष अपने जी की जलन रखी, अपने आन्तरिक संघर्ष और वेदना को उघाड़ा। हमें आशा है, इस पुस्तक से पाठकों को अवश्य लाभ होगा

Bewertungen und Rezensionen

4.2
53 Rezensionen

Autoren-Profil


स्वामी विवेकानन्द
 (जन्म: 12 जनवरी,1863 - मृत्यु: 4 जुलाई,1902)

वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों" के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।

 

Dieses E-Book bewerten

Deine Meinung ist gefragt!

Informationen zum Lesen

Smartphones und Tablets
Nachdem du die Google Play Bücher App für Android und iPad/iPhone installiert hast, wird diese automatisch mit deinem Konto synchronisiert, sodass du auch unterwegs online und offline lesen kannst.
Laptops und Computer
Im Webbrowser auf deinem Computer kannst du dir Hörbucher anhören, die du bei Google Play gekauft hast.
E-Reader und andere Geräte
Wenn du Bücher auf E-Ink-Geräten lesen möchtest, beispielsweise auf einem Kobo eReader, lade eine Datei herunter und übertrage sie auf dein Gerät. Eine ausführliche Anleitung zum Übertragen der Dateien auf unterstützte E-Reader findest du in der Hilfe.