सम्भवामि युगे युगे-2 (Hindi Sahitya): Sambhavami Yuge Yuge-2 (Hindi Novel)

·
· Bhartiya Sahitya Inc.
4,0
5 recenzií
E‑kniha
216
Počet strán
Vhodné

Táto e‑kniha

 पांडवों के खांडव क्षेत्र में चले जाने के पश्चात् मुझको धृतराष्ट्र का निमंत्रण मिला। मैं वहां गया तो महाराज के पास दुर्योधन, दुःशासन और कर्ण बैठे हुए थे। मैंने प्रणाम किया तो महाराज धृतराष्ट्र ने बैठने का आदेश दे दिया। मेरे बैठने पर दुर्योधन ने मुझको सम्बोधन करके कहा, ‘‘तात्! हमको ज्ञात हुआ है कि आपकी पाठशाला बंद हो गयी है।’’ ‘‘हां महाराज!’’ ‘‘हमें यह भी पता चला है कि आपने श्रीकान्त और शकुन्तला से कुछ भी नहीं लिया।’’ ‘‘हां महाराज! आपको ठीक ही पता चला है।’’ ‘‘तो निर्वाह कैसे होता है?’’ ‘‘महाराज, एक ब्राह्मण के लिए निर्वाह की कठिनाई कभी नहीं हुई। जब भी किसी वस्तु की आवश्यकता होती है तो श्रीमान् जैसे किसी दयालु के पास जा पहुँचता हूँ और वह एक ब्राह्मण को आवश्यकता में देख उसकी झोली भर देता है।’

Hodnotenia a recenzie

4,0
5 recenzií

O autorovi

गुरुदत्त

(8 दिसम्बर 1894 - 8 अप्रैल 1989 )

शिक्षा :- एम.एस-सी.।

लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे श्री गुरुदत्त हिन्दी साहित्य के एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं। वह उपन्यास-जगत् के बेताज बादशाह थे। अपनी अनूठी साधना के बल पर उन्होंने लगभग दो सौ से अधिक उपन्यासों की रचना की और भारतीय संस्कृति का सरल एवं बोधगम्य भाषा में विवेचन किया। साहित्य के माध्यम से वेद-ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का उनका प्रयास निस्सन्देह सराहनीय रहा है।

श्री गुरुदत्त के साहित्य को पढ़कर भारत की कोटि-कोटि जनता ने सम्मान का जीवन जीना सीखा है।

उनके सभी उपन्यासों के कथानक अत्यन्त रोचक, भाषा, अत्यन्त सरल और उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं, अपितु जन-शिक्षा भी है। राष्ट्रसंघ के साहित्य-संस्कृति संगठन ‘यूनेस्को’ के अनुसार श्री गुरुदत्त हिन्दी भाषा के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखक थे।

उपन्यास :- गुण्ठन, चंचरीक, आशा निराशा, सम्भवामि युगे युगे-भाग-1, सम्भवामि युगे युगे भाग-2, अवतरण, कामना, अपने पराये, आकाश-पाताल, अनदेखे बन्धन, घर की बात, आवरण, जीवन ज्वार, महाकाल, यह संसार, वाम मार्ग, दो भद्र पुरुष, बनवासी, प्रारब्ध और पुरुषार्थ, विश्वास, माया जाल, पड़ोसी, नास्तिक, प्रगतिशील, सभ्यता की ओर, मेघ वाहन, भगवान भरोसे, ममता, लुढ़कते पत्थर, लालसा, दिग्विजय, धर्मवीर हकीकत राय, दासता के नये रूप, स्वराज्य दान, नगर परिमोहन, भूल, स्वाधीनता के पथ पर, विश्वासघात, देश की हत्या, पत्रलता, भारतवर्ष का संक्षिप्त इतिहास, पथिक, प्रवंचना, पाणिग्रहण, परित्राणाय साधूनाम, गृह-संसद, सब एक रंग, विक्रमादित्य साहसांक, गंगा की धारा, सदा वत्सले मातृभूमे, पंकज, सागर-तरंग, भाव और भावना, दो लहरों की टक्कर-भाग 1, दो लहरों की टक्कर-भाग 2, सफलता के चरण, मैं हिन्दू हूँ, मैं न मानूँ, स्व-अस्तित्व की रक्षा, प्रतिशोध, भाग्य का सम्बल, बन्धन शादी का, वीर पूजा, वर्तमान दुर्व्यवस्था का समाधान हिन्दू राष्ट्र, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अन्तिम यात्रा, सुमति, युद्ध और शान्ति-भाग-1, युद्ध और शान्ति-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-1, जमाना बदल गया-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-3, जमाना बदल गया भाग-4, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-1, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-2, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-3, प्रेयसी, परम्परा, धरती और धन, हिन्दुत्व की यात्रा, अस्ताचल की ओर भाग-1, अस्ताचल की ओर-भाग-2, अस्ताचल की ओर-भाग-3, भाग्य चक्र, द्वितीय विश्वयुद्ध, भैरवी चक्र, भारत में राष्ट्र, बुद्धि बनाम बहुमत, धर्म तथा समाजवाद, विकार, अग्नि परीक्षा, जगत की रचना, अमृत मन्थन, जिन्दगी, श्रीराम।

Ohodnoťte túto elektronickú knihu

Povedzte nám svoj názor.

Informácie o dostupnosti

Smartfóny a tablety
Nainštalujte si aplikáciu Knihy Google Play pre AndroidiPad/iPhone. Automaticky sa synchronizuje s vaším účtom a umožňuje čítať online aj offline, nech už ste kdekoľvek.
Laptopy a počítače
Audioknihy zakúpené v službe Google Play môžete počúvať prostredníctvom webového prehliadača v počítači.
Čítačky elektronických kníh a ďalšie zariadenia
Ak chcete tento obsah čítať v zariadeniach využívajúcich elektronický atrament, ako sú čítačky e‑kníh Kobo, musíte stiahnuť príslušný súbor a preniesť ho do svojho zariadenia. Pri prenose súborov do podporovaných čítačiek e‑kníh postupujte podľa podrobných pokynov v centre pomoci.