सूक्तियाँ एवं सुभाषित (Hindi Sahitya): Suktiyan Evam Subhashit (Hindi Wisdom Bites)

4,5
13 vélemény
E-könyv
46
Oldalak száma
Használható

Információk az e-könyvről

स्वामी विवेकानन्द ने भारत के पुनरुत्थान तथा विश्व के उद्धार के लिए जो महान् कार्य किया, वह सभी को विदित है। वे चैतन्य एवं ओजशक्ति की सजीव मूर्ति थे। उनका दिव्य व्यक्तित्व उनकी वाणी मे प्रकट होता है। उनकी प्रतिभा सर्वतोमुखी थी। अत: उनके श्रीमुख से समय-समय पर जो सूक्तियाँ और सुभाषित प्रकट हुए हैं, वे सब अत्यन्त सारगर्भित, उद्बोधक तथा स्कूर्तिदायक हैं एवं अन्यत्र न पाये जाने वाले अनेक मौलिक विचारों से परिपूर्ण होने के नाते ये 'सूक्तियाँ एवं सुभाषित, विवेकानन्द-साहित्य में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। धर्म, संस्कृति, समाज, शिक्षा प्रभृति सभी महत्वपूर्ण विषयों से सम्बन्धित ये मौलिक विचार जीवन को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। उच्चतम आध्यात्मिक अनुभूति पर आधारित ये विचार व्यक्तिगत जीवन और सामूहिक कार्यों में उचित परिवर्तन के निमित्त तथा जीवन के सर्वांगीण विकास के हेतु निश्चित ही विशेष हितकारी सिद्ध होगे।

Értékelések és vélemények

4,5
13 vélemény

A szerzőről

स्वामी विवेकानन्द(जन्म: 12 जनवरी,1863 - मृत्यु: 4 जुलाई,1902)

वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों" के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।

 

E-könyv értékelése

Mondd el a véleményedet.

Olvasási információk

Okostelefonok és táblagépek
Telepítsd a Google Play Könyvek alkalmazást Android- vagy iPad/iPhone eszközre. Az alkalmazás automatikusan szinkronizálódik a fiókoddal, így bárhol olvashatsz online és offline állapotban is.
Laptopok és számítógépek
A Google Playen vásárolt hangoskönyveidet a számítógép böngészőjében is meghallgathatod.
E-olvasók és más eszközök
E-tinta alapú eszközökön (például Kobo e-könyv-olvasón) való olvasáshoz le kell tölteni egy fájlt, és átvinni azt a készülékre. A Súgó részletes utasításait követve lehet átvinni a fájlokat a támogatott e-könyv-olvasókra.

Továbbiak tőle: स्वामी विवेकानन्द

Hasonló e-könyvek