BHARATIYA SAHITYTIK

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
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आजच्या जागतिकीकरणाच्या रेट्यात जोवर आपण आपली भाषा, संस्कृती, साहित्य टिकवून धरू तोवरच आपले स्वतंत्र अस्तित्व आणि अस्मिता सुरक्षित राहील. जागतिक स्तरावरील ज्ञानाचे संपादन हे आज आपल्या समठा भाषा व साहित्य व्यवहाराचे उद्दिष्ट होऊ पाहत आहे. ते उद्दिष्ट साध्य करताना आपणापुढे भारतीय ज्ञान, साहित्य, संस्कृती, भाषा जपण्याचे व ते सारे समृद्ध करण्याचेही आव्हान आहे.

अखिल भारतीय अकादमीक समाजनिर्मिती हे एकविसाव्या शतकातील आपले साहित्यिक लक्ष्य आहे. त्यासाठी भारतीय भाषा व साहित्याचे एकसमन्वायी, समेकित (consolidate) रूप तयार करणे आवश्यक झाले आहे. त्याकरिता प्रत्येकात भारतीय भाषा व साहित्याची समृद्ध जाण हवी. अशी जाण ’भारतीय साहित्यिक’ हे पुस्तक तुमच्यात निर्माण करील.

भारतासारख्या बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक देशात ’भारतीय साहित्यिक’सारखं पुस्तक आपल्या संठाही असणं म्हणजे भारतीयतेचं स्पंदन आपल्या हृदयाशी जपण्यासारखंच!

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