ऋषि सुनक ने भारत और ब्रिटेन की इतिहास की किताबों में अपना नाम शामिल करा लिया है। इससे पहले कि उन्हें यह दिखाने का मौका मिले कि वह किस तरह की विरासत छोड़ेंगे, वे बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले एक संभावित प्रश्न हो गए हैं जिसका उत्तर न बता सकने वाला अमिताभ बच्चन के साथ 'कौन बनेगा करोड़पति' खेल न जीत पायेगा।
उनके भारतवंशी होने के कारण और भारत के एक प्रमुख टेक्नोक्रेट के चिरंजीव जामाता (दामाद) होने के कारण हमारी उनके बारे में विस्तार से जानने की इच्छा है। हम सब की जिज्ञासा को किसी हद तक दूर करने के लिए प्रस्तुत की गई इस पुस्तक में आपको एक ऐसी कहानी मिलेगी जो भारत और भारत से बाहर रहने वाले सभी युवक-युवतियों को अपनी कहानी सी लगेगी। प्रेरणा भी इससे मिलेगी और आगे बढ़ने के लिए मार्ग दर्शन भी। ऋषि लिए मार्ग दर्शन भी। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति (नम्मा हुडुगी - हमारी बेटी) की इस अक्षत कहानी को हिंदी में पहली बार प्रकाशित किया गया है।