Brhat Visva Sukti Kosa-II: Bestseller Book by Shyam Bahadur Verma: Brhat Visva Sukti Kosa-II

· Prabhat Prakashan
5.0
مراجعة واحدة
كتاب إلكتروني
600
صفحة

معلومات عن هذا الكتاب الإلكتروني

महत्त्वपूर्ण व लोकप्रिय सूक्तियों का बृहत् संकलन, जिसे तैयार करने में सात वर्ष से अधिक समय लगा। एक लाख घंटों से अधिक बौद्धिक श्रम का परिणाम। प्रथम संस्करण अल्पावधि में ही समाप्त। प्रस्तुत संस्करण पूर्णतः संशोधित-परिवर्धित, अधिक उपादेय।

सर्वप्रथम विशाल भारतीय सूक्ति कोश, जिसमें क्रमशः संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश तथा आधुनिक भारतीय भाषाओं—हिंदी, उर्दू, कश्मीरी, पंजाबी, सिंधी, राजस्थानी, गुजराती, मराठी, बँगला, उडि़या, असमिया, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम—के साथ ही अंग्रेजी, अरबी, फारसी, चीनी, जापानी, यूनानी, लैटिन, फ्रेंच, जर्मन, रूसी आदि की सूक्तियों का भी समुचित प्रतिनिधित्व है।

लेखकों, संपादकों, वक्ताओं, राजनीतिज्ञों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अनुसंधित्सुओं इत्यादि के लिए अत्यंत उपयोगी संदर्भ ग्रंथ, जो सामान्य पाठकों को भी लाभान्वित करेगा।

तीन खंडों में विभाजित १७०० से अधिक पृष्ठों की अमूल्य सामग्री। प्रायः अनुवाद के साथ मूल भी उपलब्ध।

परिवर्धन के अंतर्गत तृतीय खंड के अंत में संस्कृत सूक्तियों की संदर्भ अनुक्रमाणिका सम्मिलित, जो किसी भी संस्कृत सूक्ति को ढूँढ़ने में सहायक होगी और समय भी बचाएगी।

युग-युग के देशी-विदेशी महान् वैज्ञानिकों, कलाकारों, इतिहासकारों, दार्शनिकों, साहित्यकारों, आचार्यों, योद्धाओं, शासकों, नीतिज्ञों, संतों इत्यादि की १६००० से अधिक मार्मिक और कालजयी सूक्तियाँ— लगभग २००० विषयों में वर्गीकृत।

विश्वसनीय, सहायक और प्रेरक ग्रंथ। प्रत्येक सुख-दुःख में मार्गदर्शक मनीषी मित्र।

ज्ञान का आकर्षक नवनीत।

التقييمات والتعليقات

5.0
مراجعة واحدة

نبذة عن المؤلف

डॉ.श्याम बहादुर वर्मा जन्म : १० अप्रैल, १९३२। बहुमुखी प्रतिभाशाली, अनेक विषयों के विद्वान्, विचारक और कवि। दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. (सान्ध्य) कॉलेज में हिन्दी के वरिष्ठ प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त। एम.एस-सी. (गणित)। संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी तथा भारतीय इतिहास व संस्कृति में एम.ए.। प्रथम श्रेणी के विद्यार्थी रहे। भारतीय इतिहास व संस्कृति में सर्वोच्च स्थान प्राप्त। ‘हिन्दी काव्य में शक्ति तत्त्व’ पर दिल्ली विश्वविद्यालय से विद्या वाचस्पति (पी-एच.डी.)। विविध भाषाओं तथा ज्ञान-विज्ञान की अनेकानेक शाखाओं का गहन अध्ययन। १९५३ ई. में अकेले ही हिमालय को पैदल पार कर तिब्बत की यात्रा की। ‘केन्द्र भारती’ मासिक (विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी) के सम्पादक रहे। भारतीय अनुशीलन परिषद्, बरेली (उ.प्र.) के निदेशक। प्रकाशित कृतियाँ : ‘बृहत् विश्व सूक्ति कोश’ (तीन खण्डों में), ‘क्रान्तियोगी श्री अरविन्द’, ‘महायोगी श्री अरविन्द’, ‘श्री अरविन्द साहित्य दर्शन’, ‘श्री अरविन्द विचार दर्शन’, ‘हमारे सांस्कृतिक प्रतीक’, ‘भारत के मेले’, ‘भारत का संविधान’, ‘मर्यादा-पुरुषोत्तम श्रीराम’, ‘राष्ट्रनिर्माता स्वामी विवेकानन्द’। स्मृतिशेष : २० नवम्बर, २००९। डॉ. मधु वर्मा साहित्यिक व कला-प्रेमी परिवार में जन्म। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी., संगीत-प्रवीण। विविध संगीत प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। संप्रति दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज में हिंदी प्राध्यापिका। हिंदी एवं संस्कृत साहित्य तथा भारतीय धर्म-संस्कृति-इतिहास की गंभीर अध्येता। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित। विचारशील लेखिका तथा कवयित्री। प्रकाशित कृतियाँ : ‘गोवंश : रक्षण तथा संवर्धन’, ‘भारतीय संस्कृति के प्रतीक’, ‘भारत के नृत्य’।

تقييم هذا الكتاب الإلكتروني

أخبرنا ما هو رأيك.

معلومات القراءة

الهواتف الذكية والأجهزة اللوحية
ينبغي تثبيت تطبيق كتب Google Play لنظام التشغيل Android وiPad/iPhone. يعمل هذا التطبيق على إجراء مزامنة تلقائية مع حسابك ويتيح لك القراءة أثناء الاتصال بالإنترنت أو بلا اتصال بالإنترنت أينما كنت.
أجهزة الكمبيوتر المحمول وأجهزة الكمبيوتر
يمكنك الاستماع إلى الكتب المسموعة التي تم شراؤها على Google Play باستخدام متصفح الويب على جهاز الكمبيوتر.
أجهزة القراءة الإلكترونية والأجهزة الأخرى
للقراءة على أجهزة الحبر الإلكتروني، مثل أجهزة القارئ الإلكتروني Kobo، عليك تنزيل ملف ونقله إلى جهازك. يُرجى اتّباع التعليمات المفصّلة في مركز المساعدة لتتمكّن من نقل الملفات إلى أجهزة القارئ الإلكتروني المتوافقة.